किरोड़ी लाल के 'भिक्षां देहि' पर पीसीसी चीफ का पलटवार, कहा- इन्हें आराम देहि करादो
जयपुर: दौसा उपचुनाव में भाजपा के प्रत्याशी जगमोहन मीणा हैं। वे भजनलाल सरकार में कैबिनेट मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीणा के भाई हैं। जगमोहन पिछले 15 साल से टिकट के लिए पापड़ बेलते रहे लेकिन कभी चुनाव लड़ने का मौका नहीं मिला। पंद्रह साल बाद अब जाकर टिकट मिला है कि उनकी जीत के लिए बड़े भाई डॉ. किरोड़ी लाल मीणा और भाभी गोलमा देवी सहित पूरा खानदान प्रचार में जुट गया है। गुरुवार को डॉ. किरोड़ी लाल मीणा की एक तस्वीर सामने आई जिसमें वे हाथ में कमंडल लेकर वोट मांग रहे हैं। गले में एक तख्ती भी लटका रखी है जिस पर लिखा है 'वोट भिक्षाम् देहि'। यानी वोट की भीख दे दो। डॉ. किरोड़ी लाल मीणा की यह तस्वीर सामने आने पर कांग्रेसी नेताओं ने तंज कसने शुरू कर दिए। जनता भिक्षा नहीं आराम देगी अब
कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने डॉ. किरोड़ीलाल मीणा की कमंडल वाली फोटो और वीडियो पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि वे लोग अब हाथ में कमंडल लेकर वोट की भीख मांग रहे हैं। जनता अब उन्हें वोट की भीख नहीं देने वाली है। अब तो जनता आराम करने के लिए घर भेजने वाली है। डोटासरा ने कहा कि जो व्यक्ति सरकार में कैबिनेट मंत्री है। उसे जनता को कुछ देने के लिए बड़ी जिम्मेदारी दी गई है लेकिन वे देने के बजाय लेने में लगे हैं। 15 साल बाद मिला है टिकट
भाजपा प्रत्याशी जगमोहन मीणा को 15 साल इंतजार के बाद भाजपा ने टिकट दिया है। पहले वे राजस्थान प्रशासनिक सेवा में थे। चुनाव लड़ने की चाहत में वर्ष 2009 में उन्होंने नौकरी छोड़ दी और राजनीति में आए। तब से हर बार विधानसभा और लोकसभा चुनाव का टिकट मांगते रहे। लंबे समय तक टिकट नहीं मिलने से निराश होकर पिछले दिनों जगमोहन मीणा ने यहां तक कह दिया कि उनका टिकट को अंधी महिला के पति जैसा हो गया है। जैसे अंधी महिला को बार बार आश्वासन दिया जाता है कि तेरा पति आ रहा है लेकिन वास्तव में कोई आता नहीं है। उसी तरह उन्हें भी हर बार आश्वासन दिया जाता रहा। अब उपचुनाव में बीजेपी ने उन्हें पहली बार चुनाव लड़ने का अवसर दिया है।
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