कोविड काल में क्यों छपी 2 करोड़ से ज्यादा किताबें? बीजेपी विधायक के सवाल से बढ़ी कांग्रेस की मुश्किलें, जवाब नहीं दे पाई सरकार
रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र पर पहले दिन बीजेपी और कांग्रेस के विधायकों ने सरकार से कई सवाल किए। हालांकि पहले दिन की कार्रवाई की शुरुआत पूर्व राज्यसभा सांसद गोपाल व्यास को श्रृद्धांजलि देने के साथ हुई। पूर्व मंत्री और बीजेपी विधायक राजेश मूणत ने सरकार ने पाठ्यपुस्तक निगम के बारे में सवाल किया। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार के दौरान हुए घोटालों की जांच की मांग की।
राजेश मूणत ने सवाल किया कि 2019-20 और 2021-22 में पाठ्यपुस्तक निगम की कितनी किताबों की छपाई हुई और उनका वितरण कहां किया गया। राजेश मूणत ने बताया- सरकार से मेरा एक सवाल था कि जिन किताबों की छपाई की उनकी डिमांड किन स्कूलों से आई। उन्होंने कहा कि सरकार कि तरफ से लिखित में जो उत्तर दिया है तकि 1 लाख 93 हजार से 2 करोड़ सात लाख तक किताबें छपी। 2021 और 2022 कोविड काल था। ऐसे में किताबें छपी। इन किताबों का ऑर्डर कहां से आया इसकी जानकारी नहीं दी गई। उन्होंने कहा कि सरकार ने इस सवाल का जवाब नहीं दिया कि कोविड काल में किताबों की छपाई क्यों नहीं की गई।
घोटालों की जांज होनी चाहिएराजेश मूणत ने कहा कि इस सलाव के माध्यम से मैंने ने सरकार के संज्ञान में यह मामला लाया है कि पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में इस तरह से जितने भी घोटाले हुए हैं उनकी जांच होनी चाहिए। गोदाम में मिली थीं किताबें?सितंबर महीने में पूर्व कांग्रेस विधायक विकास उपाध्याय ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाया था। विकास उपाध्याय ने दावा किया था कि राज्य के सरकारी स्कूलों के लिए छपी किताबें रायपुर के एक कबाड़खाने में पड़ी हुई हैं। मामला सामने आने के बाद राज्य सरकार ने जांच के आदेश दिए थे।
विकास उपाध्याय ने कहा था कि ये किताबें सर्व शिक्षा अभियान और छत्तीसगढ़ टेक्स्टबुक कॉर्पोरेशन के माध्यम से छापी गई थीं। राजेश मूणत ने लगाया था सवालइसी मामले को लेकर रायपुर पश्चिम से बीजेपी विधायक राजेश मूणत ने सवाल किया था। उन्होंने पूछा था कि सरकार यह बताए की कोविड काल में किताबें क्यों छापी गई थीं जबकि स्कूलें बंद थीं। हालांकि उन्होंने कहा कि सरकार ने इस सवाल का जवाब नहीं दिया किताबें क्यों छापी गईं थीं।
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