रुपाली गांगुली की सौतेली बेटी ने कहा- 'एक्ट्रेस की वजह से हुआ ट्रामा, मां को मिले धोखे से टूट गई हैं वो'
फेमस टीवी शो 'अनुपमा' से पॉपुलर हुई रुपाली गांगुली एक बार फिर से चर्चा में हैं लेकिन इस बार उनके सुर्खियों में आने की वजह उनका करियर नहीं बल्कि उनकी पर्सनल लाइफ है। हाल ही में रुपाली की सौतेली बेटी ईशा की एक पुरानी पोस्ट वायरल हो रही है जिसमें उन्होंने बताया था कि पेरेंट के दूसरी शादी करने का बच्चों पर क्या असर पड़ता है।
ईशा ने रुपाली पर अपने परिवार को तोड़ने का आरोप लगाया था। ईशा ने कहा कि उनकी मां ने अकेले ही उनकी परवरिश की है और मां-बाप के तलाक की वजह से वो ट्रामा में हैं। ईशा की तकलीफ एकदम सही है। पेरेंट्स के अलग होने से बच्चों की मानसिक सेहत पर बहुत बुरा असर पड़ता है। इस आर्टिकल में आगे बताया गया है कि पेरेंट्स के धोखे की वजह से तलाक हेने का बच्चों पर क्या असर पड़ता है।
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धोखे का होता है एहसास
जब धोखे की वजह से मां-बाप अलग होते हैं, तब बच्चों को लगता है कि उन्हें भी धोखा मिला है और उनका भरोसा करने से विश्वास ही उठ जाता है। अगर अलगाव के बाद दोनों पेरेंट बहुत जल्दी आगे बढ़ जाते हैं, तो हो सकता है कि बच्चे का रिश्तों पर से या प्यार पर से विश्वास ही उठ जाए। इससे बच्चे को आगे चलकर अपने रोमांटिक रिश्तों में भरोसा करने में दिक्कत आ सकती है।फोटो साभार: pexels
खुद को दोष देते हैं
बच्चे नासमझ होते हैं और वो इन मुश्किलों चीजों को समझ नहीं पाते हैं। ऐसे में कई बार उन्हें लगने लगता है कि उनकी वजह से उनके पेरेंट्स के बीच कड़वाहट आई है। इससे बच्चे गिल्ट में आ जाते हैं और उनके आत्म-सम्मान में कमी आने लगती है। जब उन्हें पीछे छोड़ दिया जाता है या उन पर ध्यान नहीं दिया जाता है, जब बच्चे को लगता है कि कोई उससे प्यार नहीं करता है।फोटो साभार: pexels
नए पार्टनर को स्वीकार न कर पाना
नए पार्टनर को स्वीकार न कर पाना
अपने पेरेंट के नए पार्टनर को लेकर हमेशा मिली-जुली भावनाएं होती हैं। उनके जिस पेरेंट को धोखा मिला होता है, वे उनके प्रति दया का भाव रखते हैं और उनकी तकलीफ के लिए अपने पेरेंट के नए पार्टनर को दोष देने लगते हैं। ईशा के शब्दों से भी पता चलता है कि उन्हें अपने पिता की पत्नी के लिए गुस्सा और कड़वाहट है।
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इमोशनली होते हैं दुखी
ईशा ने कहा कि उनके अंदर के बच्चे के मन पर अभी भी अपने पेरेंट्स के अलग होने का घाव है। जिन बच्चों के पेरेंट्स अलग होकर दूसरी शादी कर लेते हैं, उन बच्चों के मन में बड़े होकर बहुत तकलीफ रहती है। वो इस ट्रामा के साथ आगे नहीं बढ़ पाते हैं और उन्हें एंग्जायटी, किसी पर भरोसा करेन में दिक्कत और अक्सर गुस्सा आता है।
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बच्चों को चाहिए सपोर्ट
इस स्थिति से जूझ रहे बच्चों को अपनी भावनाओं को हैंडल करने के लिए सपोर्ट की जरूरत होती है। काउंसलिंग की मदद से इनकी हेल्प की जा सकती है। तलाक के बाद दोनों पेरेंट्स को अपने बच्चों को समय देना चाहिए और उन्हें प्यार करना चाहिए।