आंखों के साथ हाथ और पैरों की हड्डियों को भी प्रभावित करता है DR सिंड्रोम, जानें किसे बनाता है अपना शिकार
जो नर्व आंखों की गतिविधि को कंट्रोल करती हैं अगर उनमें ही किसी तरह की कोई असमान्यता हो जाती है तो यह सिंड्रोम देखने को मिलता है। इस स्थिति के कारण आंखों से बाहर की ओर यानि कान की ओर नहीं देखा जाता है। कुछ केसों में तो आंख की मूवमेंट ही काफी सीमित हो जाती है।
जैसे ही आँखें अंदर की ओर देखने की कोशिश करती हैं तो आंखों की ओपनिंग संकीर्ण होती हुई दिख सकती है। आई बॉल भी पीछे की ओर जाती हुई दिख सकती है। इसके अधिकतर केसों में केवल एक ही आंख प्रभावित होती है और आपको दूसरी आंख से सब कुछ सही नजर आता है। आइए जान लेते है इस स्थिति के बारे में।
यह सिंड्रोम कितना आम है?
यह सिंड्रोम ज्यादा लोगों में देखने को नहीं मिलता है। इसे दुर्लभ सिंड्रोम की श्रेणी में रखना गलत नहीं होगा। 4 से 5 प्रतिशत लोगों में ही यह सिंड्रोम देखने को मिलता है। वैसे तो यह सिंड्रोम किसी को भी हो सकता है लेकिन महिलाओं को इसके होने का रिस्क पुरुषों के मुकाबले ज्यादा होता है।
लक्षण
आंखों की गतिविधि का सीमित हो जाना। एक साइड देखते समय काफी कठिनाई होना और आपकी आँखें जब आप किसी एक साइड देख रहे हैं तो काफी छोटी हो जाना। सिर की पोजीशन का काफी ज्यादा असामान्य हो जाना। जो एक आंख प्रभावित होती है उसमें से दूसरी के मुकाबले कम दिखाई देना। जब आप किसी ओर देख रहे हैं तो आंखों को ऊपर हो जाना या नीचे हो जाना।
कारण
यह डिसऑर्डर आम तौर पर जेनेटिक होता है लेकिन यह इन्हेरिट नहीं होता है। जब आपकी क्रेनियल नर्व में किसी तरह की कोई समस्या आती है तो उस स्थिति में आपको यह सिंड्रोम देखने को मिल सकता है। केवल 10 प्रतिशत केस ही ऐसे मिलते हैं जिसमें जिन लोगों को यह सिंड्रोम होता है उनके परिवार में भी किसी अन्य व्यक्ति को यह सिंड्रोम हो पाता है। अगर इस सिंड्रोम का परिवारिक इतिहास होता है तो यह एक की बजाए दोनों आंखों को प्रभावित कर सकता है। यह सिंड्रोम ऑटोसोमल डॉमिनेट पैटर्न का पालन करता है।
क्या यह सिंड्रोम संक्रामक है?
जी नहीं, यह सिंड्रोम बिल्कुल भी संक्रामक नहीं है। इसका अर्थ है की अगर आप इसके किसी मरीज के नजदीक संपर्क में जायेंगे या उनके किसी फ्ल्यूड के संपर्क में आ जाते हैं तो आपको यह सिंड्रोम नहीं होता है।
इलाज
इसका इलाज मरीज की उम्र, गंभीरता और स्थिति पर निर्भर करता है। कुछ लोगों को तो इसके इलाज की भी जरूरत नहीं होती है बस समय समय डॉक्टर को इसके बारे में बताते रहें और फॉलो अप लेते रहें ताकि ज्यादा समस्या न बढ़ सके। कुछ लोगों को आंखों में पैच लगाने की जरूरत पड़ सकती है ताकि दूसरी आंख के समान ही उनकी आंख काम कर सके। अगर किसी व्यक्ति को इस की गंभीर फॉर्म का सामना करना पड़ रहा है तो आपके डॉक्टर आपकी आंखों की मसल्स की सर्जरी भी कर सकते हैं। डिस्क्लेमर: