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सबसे ज्यादा ओलंपिक मेडल वाले हरियाणा को सिर्फ 3 फीसदी बजट, इन दो राज्यों के पास आया सबसे ज्यादा पैसा

पेरिस ओलंपिक का अंत हो चुका है। भारत ने पांच कांस्य और एक रजत पदक के साथ अपने अभियान का अंत किया। इस बार भारत का ओलंपिक सफर उम्मीदों के मुताबिक नहीं रहा। एक गोल्ड मेडल के चलते पाकिस्तान तक मेडल टेली में हमसे आगे निकल गया। ओलंपिक खत्म होने के बाद अब एक आंकड़ा सामने आया है, जिससे पता चलता है कि भारत सरकार ने खेलो इंडिया योजना के तहत किस राज्य को कितने रुपये दिए, जिसमें गुजरात और उत्तर प्रदेश को 400 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि आवंटित हुई जबकि सबसे ज्यादा पदक जीतने वाले राज्य हरियाणा को सिर्फ 66 करोड़ रुपये दिए गए। सदन से लेकर सड़क तक इस पर जमकर बहसबाजी हो रही है। विपक्षी दल पक्षपात के आरोप लगा रहे हैं, लेकिन राजनीति से इतर हम सिर्फ तथ्यों पर बात करेंगे। आंकड़ों को खंगालने पर पता लगता है कि ओलंपिक के लिए पेरिस गए भारतीय दल में पंजाब से 19 एथलीट थे, जिसे 78 करोड़ रुपये मिला। 24 एथलीट वाले राज्य हरियाणा को 66 करोड़ रुपये आवंटित किए गए जबकि सिर्फ छह एथलीट वाले राज्य यूपी के हिस्से सबसे ज्यादा 438 करोड़ रुपये आए। गुजरात से ओलंपिक में दो खिलाड़ियों ने जगह बनाने में सफलता हासिल की, लेकिन फंड 426 करोड़ रुपये रिलीज कर दिए गए। यहां बताना जरूरी हो जाता है कि ये राशि ओलंपिक खेलों से पहले तैयारियों के लिए रीलिज की गई थी।
पिछले 10 साल में लगभगन तिगुना हुआ खेल बजटसाल 2013-14 की बात करें तो कांग्रेस सरकार ने खेलों के लिए सिर्फ 1219 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया था, जबकि आज 2024-2025 में यह बजट बढ़कर 3442.32 करोड़ रुपये हो गया है। SAI की रिपोर्ट के अनुसार भारत में कुल 69 स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (SAI) प्रशिक्षण केंद्र हैं, जिनमें से 15 पश्चिम बंगाल में, 10 केरल में, 5 उत्तर प्रदेश में और केवल 3 गुजरात में हैं। SAI वेबसाइट पर उपलब्ध अतिरिक्त आंकड़ों के अनुसार, हरियाणा में कुल 10 प्रशिक्षण केंद्र हैं, जबकि गुजरात में केवल 2 और उत्तर प्रदेश में 14 हैं। TOPS स्कीम से भी पैसे देती है सरकार
इसके अलावा, टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम, नेशनल स्पोर्ट्स डेवलपमेंट फंड, फिट इंडिया और स्पेशल एरिया गेम्स स्कीम जैसी अन्य योजनाएं भी हैं, जिन्हें खेलों के विकास और एथलीटों के समर्थन के लिए लागू किया गया है। ओलंपिक की बात करें तो टारगेट ओलंपिक पोडियम योजना भारत सरकार और खेल मंत्रालय की एक प्रमुख पहल है, जिसका उद्देश्य भारत के शीर्ष एथलीटों को सहायता प्रदान करना है। इस योजना का मकसद इन एथलीटों के प्रशिक्षण को बढ़ाना है ताकि वे ओलंपिक में पदक जीत सकें। इसे हासिल करने के लिए, खेल विभाग ओलंपिक पदक जीतने की क्षमता वाले व्यक्तियों की पहचान करता है। यह योजना उन एथलीटों को स्पॉन्सर करती है, जिनमें अगले ओलंपिक खेलों में जीतने की प्रबल क्षमता दिखती है।

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