भूख हड़ताल पर बैठे बीमार यासीन मलिक का इलाज कराए तिहाड़, दिल्ली हाई कोर्ट ने दिया निर्देश
नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने तिहाड़ जेल अधिकारियों से शुक्रवार को कहा कि वह अलगाववादी नेता यासीन मलिक को जरूरी मेडिकल ट्रीटमेंट मुहैया कराएं, जिनके भूख हड़ताल पर होने का दावा किया गया है। मलिक को टेरर फंडिंग से जुड़े एक मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी।जस्टिस अनूप कुमार मेंदीरत्ता ने उनकी मेडिकल देखभाल की मांग वाली याचिका पर केंद्र, दिल्ली सरकार और तिहाड़ जेल अधिकारियों को नोटिस जारी करते हुए स्वास्थ्य स्थिति की रिपोर्ट भी मांगी। मलिक के वकील ने कोर्ट से कहा कि उनका क्लाइंट एक नवंबर से भूख हड़ताल पर है और उसे तत्काल अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत है। यासीन मलिक ने हाई कोर्ट से क्या कहा?
मलिक को 24 मई, 2022 को दिल्ली की एक ट्रायल कोर्ट ने कठोर गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) और आईपीसी के तहत कई अपराधों के लिए दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी। नैशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी ने हाई कोर्ट में अपील दायर कर उसकी उम्रकैद की सजा को अधिकतम मौत की सजा तक बढ़ाने की मांग की है। हाई कोर्ट में अपनी याचिका में, मलिक ने दावा किया कि वह हृदय और गुर्दे की गंभीर बीमारियों का मरीज है, जो वर्तमान में 'जीवन और मौत की स्थिति' का सामना कर रहा है। याचिका में और भी दावे
याचिका में कहा गया कि ऐसे मौके आए, जब याचिकाकर्ता गंभीर रूप से बीमार था या ट्रायल कोर्ट के समक्ष उसकी हाजिरी जरूरी थी। लेकिन सीआरपीसी की (धारा) 268 के तहत आदेशों की आड़ में (मलिक को तिहाड़ जेल और दिल्ली तक सीमित रखने), उसे न तो अदालत में ले जाया गया, न अस्पताल और न ही अदालतों में पेश किया गया। याचिका में आगे दावा किया गया कि मलिक एक राजनीतिक व्यक्ति थे, इसलिए अधिकारियों ने उचित स्वास्थ्य जांच के उनके अनुरोध को ठुकरा दिया था।
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