एलन मस्क से लड़कर ट्रंप के लिए संसद में बहुमत हासिल करना होगा मुश्किल... क्यों लड़े दो ताकतवर इंसान, आखिर क्यों है खींचतान?

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वॉशिंगटन: डोनाल्ड ट्रंप और एलन मस्क के बीच सबसे कॉमन बात ये है कि दोनों कभी भी अपनी राय को बदल सकते हैं। अपने किसी भी फैसले से पलट सकते हैं, किसी भी क्षण यूटर्न ले सकते हैं और कई महीनों के दोस्ताना के बाद अब दोनों दुश्मन की शुरूआत कर चुके हैं। जितनी तगड़ी ये दोस्ती थी, उतनी ही खतरनाक ये लड़ाई बन चुकी है। इस लड़ाई में एक दूसरे पर भद्दे आरोप लगाए जा रहे हैं, धमकियां दी जा रही हैं, कटाक्ष हो रहे हैं और महाभियोग की मांग हो रही है। झगड़ा बढ़ने के बीच डोनाल्ड ट्रंप ने एलन मस्क को सरकारी कॉन्ट्रैक्ट्स तोड़ने की धमकी दे डाली तो एलन मस्क ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर ट्रंप के खिलाफ महाभियोग चलाने की मांग कर डाली।



एलन मस्क और डोनाल्ड ट्रंप के बीच इस झगड़े की शुरूआत उस वक्त हुई, जब एलन मस्क ने डोनाल्ड ट्रंप के हस्ताक्षर वाले खर्च विधेयक की आलोचना की थी, जिसमें लोगों से कानून को "खत्म" करने के लिए अपने सांसदों से संपर्क करने का आग्रह किया गया था। इसके अलावा एलन मस्क ने डोनाल्ड ट्रंप के 'बिग ब्यूटीफुल बिल एक्ट' की भी सार्वजनिक तौर पर आलोचना की, जिसने ट्रंप को चिढ़ा दिया। एलन मस्क ने इस बिल पर तंज कसते हुए कहा कि "इससे पहले से ही बढ़ते राष्ट्रीय ऋण में और इजाफा होगा।" हालांकि एलन मस्क के इस बिल के विरोध में चलाए गये अभियान के बाद भी ट्रंप ने चप्पी बनाए रखी, जबकि मस्क ने आरोप लगाया कि "इससे देश के 36.2 ट्रिलियन डॉलर के ऋण में और इज़ाफा होगा।"



डोनाल्ड ट्रंप और एलन मस्क में झगड़ा तेज

डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को अपनी चुप्पी तोड़ी और वाइट हाउस के ओवल ऑफिस में पत्रकारों से कहा कि वे मस्क से "बहुत निराश" हैं। उन्होंने कहा कि "मैं एलन से बहुत निराश हूं। मैंने एलन की बहुत मदद की है।" डोनाल्ड ट्रंप जब ये बातें पत्रकारों से कर रहे थे उस वक्त जर्मनी के चांसलर फ्रेडरिग मर्ज भी वहां मौजूद थे और चुपचाप ट्रंप को बोलते हुए देख रहे थे। ट्रंप ने इसी दौरान कहा कि "एलन और मेरे बीच बहुत अच्छे संबंध थे। मुझे नहीं पता कि हम आगे भी ऐसे ही रहेंगे या नहीं।" एलन मस्क ने सिर्फ एक हफ्ते पहले ही सरकारी दक्षता विभाग (DOGE) की जिम्मेदारी छोड़ दी थी, जिसके बाद ट्रंप ने उनके लिए भव्य स्वागत समारोह का आयोजन किया था। लेकिन अब ट्रंप ने वाइट हाउस में जर्मन चांसलर के सामने एलन मस्क को 'पागल' कहा और जोर देते हुए कहा कि वो एलन मस्क से 'थक चुके थे' इसीलिए उन्हें जाने दिया।



डोनाल्ड ट्रंप जब बोल रहे थे उसी दौरान एलन मस्क ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक तीखा पोस्ट डाला। डोनाल्ड ट्रंप के चुनाव अभियान में करीब 300 मिलियन डॉलर खर्च करने वाले एलन मस्क ने लिखा कि 'मेरे चुनाव प्रचार के बिना ट्रंप राष्ट्रपति चुनाव हार जाते। वो कितने कृतघ्न हैं।' अपने एक और पोस्ट में मस्क ने जोर देकर लिखा कि 'ट्रम्प के सिग्नेचर टैरिफ इस साल के अंत में अमेरिका को मंदी में धकेल देंगे।" डोनाल्ड ट्रंप अपने पहले कार्यकाल में भी अपने अधिकारियों से लड़ते हुए देखे गये थे। उन्होंने अपने पहले कार्यकाल में अपने ही तैनात किए गये कई चीफ ऑफ स्टाफ, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों और राजनीतिक रणनीतिकारों से नाता तोड़ लिया था। स्टीव बैनन जैसे कुछ लोग उनके अच्छे पक्ष में बने रहे, जबकि राजदूत जॉन बोल्टन जैसे कई अन्य लोग उनके मुखर आलोचक बन गए।



2024 के राष्ट्रपति चुनाव अभियान के दौरान एलन मस्क ने उनका जबरदस्त साथ दिया और उनके चुनावी कैम्पेन को 300 मिलियन डॉलर से ज्यादा का फंड दिया। एलन मस्क कई बार ट्रंप के चुनावी अभियान के दौरान नजर आए। ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद एलन मस्क सरकारी दक्षता विभाग के प्रमुख के रूप में ट्रंप के सबसे प्रमुख सलाहकारों में से एक बन गए, जिसने संघीय कार्यबल को कम करने और खर्च में कटौती करने के लिए एक व्यापक और विवादास्पद कोशिश की। एलन मस्क अक्सर व्हाइट हाउस में मौजूद रहते थे और कैपिटल हिल में कई बार दिखाई देते थे, कभी-कभी अपने छोटे बेटे को गोद में लेकर भी देखे गये।



ट्रंप-मस्क झगड़े का क्या होगा असर?

एलन मस्क से लड़कर ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी के लिए इस साल के मध्य में होने वाले मध्यावधि संसदीय चुनाव में संसद में अपने बहुत को बरकरार रखना मुश्किल हो जाएगा। एलन मस्क के पास एक विशाल फॉलोवर्स है और वो कैम्पेन में खर्च करने में कोई कोताही नहीं करते हैं। इसके अलावा एलन मस्क के साथ ऐसे दानदाताओं की फौज है, जो चुनावी कैम्पेन को बदल सकते हैं। एलन मस्क अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से चुनावी कैम्पेन की दिशा और नैरेटिव बदल सकते हैं। ट्रंप की ओवल ऑफिस में दिए गये बयान के फौरन बाद मस्क ने अपने 220 मिलियन फॉलोअर्स से एक्स पर पूछा कि "क्या अमेरिका में एक नई राजनीतिक पार्टी बनाने का समय आ गया है जो वास्तव में मध्य वर्ग के 80% लोगों का प्रतिनिधित्व करती हो?" यानि यह लड़ाई सिर्फ दो अमीर और ताकतवर लोगों की नहीं है, बल्कि यह अमेरिकी राजनीति, टेक्नोलॉजी सेक्टर के भीतर चल रही अदृश्य खींचतान को उजागर करती है। आने वाले अमेरिकी चुनावों में यह विवाद और भी गहराने की संभावना है।