ट्रंप से पंगा लेने वाले एलन मस्क को भारत में मिलने वाली है खुशखबरी, इस मार्केट में तहलका मचाने की तैयारी

नई दिल्ली: कुछ दिन पहले तक अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के चहेते रहे एलन मस्क को भारत में गुड न्यूज मिलने वाली है। उनकी कंपनी स्टारलिंक भारत में अपनी सैटेलाइट सर्विस शुरू करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। सरकार ने कंपनी को ग्लोबल मोबाइल पर्सनल कम्युनिकेशन बाई सैटेलाइट (GMPCS) लाइसेंस देने का फैसला कर लिया है। कुछ हफ्तों पहले ही सरकार ने कंपनी को लेटर ऑफ इंटेंट जारी किया था। स्टारलिंक पिछले तीन-चार साल से इस लाइसेंस का इंतजार कर रही थी। अब आखिरकार उसे यह लाइसेंस मिल जाएगा। कंपनी दूरसंचार विभाग (DoT) द्वारा रखी गई नई शर्तों को मानने और कानून के अनुसार फीस भरने के लिए तैयार हो गई है।
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि स्टारलिंक के अधिकारी आने वाले दिनों में GMPCS लाइसेंस के कागजात पर साइन करने के लिए दिल्ली आएंगे। कंपनी नई लाइसेंस शर्तों और देश में सेवाएं शुरू करने के लिए जरूरी दिशानिर्देशों का पालन कर रही है। लाइसेंस मिलने से कंपनी की सबसे बड़ी बाधा दूर हो जाएगी। इसमें गृह मंत्रालय से सुरक्षा संबंधी मंजूरी भी शामिल है। सरकार ने मस्क की सैटेलाइट कंपनी की पूरी तरह से जांच की है।
किससे है मुकाबला
सरकार ने कंपनी के लिए कुछ सख्त सुरक्षा नियम भी बनाए हैं। इन नियमों में इंटरसेप्शन के तरीके स्थापित करना और देश में कमांड और कंट्रोल सेंटर बनाना शामिल है। सूत्रों ने बताया कि GMPCS लाइसेंस मिलने के बाद स्टारलिंक को IN-SPACe (Indian National Space Promotion and Authorisation Centre) से मंजूरी लेनी होगी। IN-SPACe कंपनी के सैटेलाइट को भारतीय क्षेत्र में काम करने की अनुमति देगा। एक सूत्र ने यह भी कहा कि IN-SPACe में एप्लीकेशन भी अंतिम चरण में है और अंतर-मंत्रालयी स्थायी समिति से जल्द ही मंजूरी मिल जाएगी।
दूरसंचार विभाग ने 7 मई को स्टारलिंक को आशय पत्र जारी किया था। इससे GMPCS लाइसेंस जारी करने का रास्ता खुल गया। सरकार सैटेलाइट कम्युनिकेशन कंपनियों को स्पेक्ट्रम आवंटित करने के नियमों को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया भी शुरू कर चुकी है। Starlink के अलावा रिलायंस जियो और एयरटेल के जॉइंट वेंचर भी इसमें शामिल हैं। 9 मई को टेलीकॉम सेक्टर के रेगुलेटर ट्राई ने दूरसंचार विभाग को स्पेक्ट्रम के आवंटन और एयरवेव्स का उपयोग करने के लिए कंपनियों द्वारा भुगतान किए जाने वाले शुल्क पर सिफारिशें सौंपीं।
किसे होगा फायदा
सैटेलाइट के जरिए इंटरनेट की सुविधा खासकर दूर-दराज के इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए बहुत उपयोगी साबित होगी। मस्क की कंपनी करीब 100 देशों में सैटेलाइट के जरिए इंटरनेट सर्विस शुरू की है। स्टारलिंक एक सैटेलाइट इंटरनेट सेवा है, जिसे SpaceX ने बनाया है। SpaceX एक अमेरिका एयरोस्पेस कंपनी है। इसकी शुरुआत दुनिया के सबसे अमीर आदमी एलन मस्क ने 2002 में की थी।
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि स्टारलिंक के अधिकारी आने वाले दिनों में GMPCS लाइसेंस के कागजात पर साइन करने के लिए दिल्ली आएंगे। कंपनी नई लाइसेंस शर्तों और देश में सेवाएं शुरू करने के लिए जरूरी दिशानिर्देशों का पालन कर रही है। लाइसेंस मिलने से कंपनी की सबसे बड़ी बाधा दूर हो जाएगी। इसमें गृह मंत्रालय से सुरक्षा संबंधी मंजूरी भी शामिल है। सरकार ने मस्क की सैटेलाइट कंपनी की पूरी तरह से जांच की है।
किससे है मुकाबला
सरकार ने कंपनी के लिए कुछ सख्त सुरक्षा नियम भी बनाए हैं। इन नियमों में इंटरसेप्शन के तरीके स्थापित करना और देश में कमांड और कंट्रोल सेंटर बनाना शामिल है। सूत्रों ने बताया कि GMPCS लाइसेंस मिलने के बाद स्टारलिंक को IN-SPACe (Indian National Space Promotion and Authorisation Centre) से मंजूरी लेनी होगी। IN-SPACe कंपनी के सैटेलाइट को भारतीय क्षेत्र में काम करने की अनुमति देगा। एक सूत्र ने यह भी कहा कि IN-SPACe में एप्लीकेशन भी अंतिम चरण में है और अंतर-मंत्रालयी स्थायी समिति से जल्द ही मंजूरी मिल जाएगी।
दूरसंचार विभाग ने 7 मई को स्टारलिंक को आशय पत्र जारी किया था। इससे GMPCS लाइसेंस जारी करने का रास्ता खुल गया। सरकार सैटेलाइट कम्युनिकेशन कंपनियों को स्पेक्ट्रम आवंटित करने के नियमों को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया भी शुरू कर चुकी है। Starlink के अलावा रिलायंस जियो और एयरटेल के जॉइंट वेंचर भी इसमें शामिल हैं। 9 मई को टेलीकॉम सेक्टर के रेगुलेटर ट्राई ने दूरसंचार विभाग को स्पेक्ट्रम के आवंटन और एयरवेव्स का उपयोग करने के लिए कंपनियों द्वारा भुगतान किए जाने वाले शुल्क पर सिफारिशें सौंपीं।
किसे होगा फायदा
सैटेलाइट के जरिए इंटरनेट की सुविधा खासकर दूर-दराज के इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए बहुत उपयोगी साबित होगी। मस्क की कंपनी करीब 100 देशों में सैटेलाइट के जरिए इंटरनेट सर्विस शुरू की है। स्टारलिंक एक सैटेलाइट इंटरनेट सेवा है, जिसे SpaceX ने बनाया है। SpaceX एक अमेरिका एयरोस्पेस कंपनी है। इसकी शुरुआत दुनिया के सबसे अमीर आदमी एलन मस्क ने 2002 में की थी।
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