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मेहंदीपुर बालाजी का प्रसाद और पानी की बोतल क्यों नहीं लानी चाहिए घर? वजह खोल देगी आंखें, जानें और नियम

राजस्थान में मौजूद मेहंदीपुर बालाजी भारत के सबसे जाने-माने मंदिरों में आता है। मंदिर में हनुमान जी अपने बाल स्वरुप में विराजमान हैं। माना जाता है, मंदिर के दर्शन करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। लेकिन अक्सर आपने हर मंदिर में देखा होगा, लोग अपने साथ मंदिर में मिलने वाला प्रसाद लेकर आता है, लेकिन यहां उल्टा है। मेहंदीपुर बालाजी में जो प्रसाद मिलता है लोग उसे फेंक देते हैं या फिर उसे खरीदते ही नहीं हैं, क्योंकि बाद उसे फेंका ही जाना है। अब कई लोगो का ये सवाल है आखिर ऐसा क्यों होता है? तो चलिए इस लेख के जरिए आपको कारण बताते हैं। साथ ही मेहंदीपुर बालाजी जाने के कुछ और नियम भी बताते हैं, जिनका यहां सख्ती से पालन करना जरूरी है। (फोटो साभार: wikipedia)
इसलिए नहीं लाना चाहिए प्रसाद घर

आमतौर पर हर मंदिर का प्रसाद हम घर लेकर आते हैं, लेकिन मेहंदीपुर बालाजी से प्रसाद घर लाने की मनाही होती है। दरअसल, ये मंदिर, भूत-प्रेत जैसी चीजों से मुक्ति पाने के लिए प्रसिद्ध है। कहा जाता है कि अगर यहां का प्रसाद कोई खा लें तो अपने साथ नकारात्मक शक्तियों को घर लेकर जाता है। इसलिए यहां खरीदा हुआ प्रसाद या मिलने वाला यही छोड़ना पड़ता है।(सांकेतिक फोटो)


इस तरीके से चढ़ाया जाता है प्रसाद

मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में प्रसाद दो तरीके से चढ़ाते हैं। पहला दरखास्त और दूसरा अर्जी। दरखास्त का प्रसाद 2 बार खरीदना पड़ता है, इस प्रसाद को चढाने के बाद मंदिर से उसी टाइम ही निकल जाना होता है। वहीं, अर्जी का प्रसाद 3 थालियों में देते हैं। अर्जी का प्रसाद लौटते वक्त पीछे की ओर फेंक दिया जाता है, जिसे मुड़कर नहीं देखना होता।(सांकेतिक फोटो)


मेहंदीपुर बालाजी में जाने से पहले इन बातों का भी रखें ध्यान
  • मेहंदीपुर बालाजी में प्रसाद के अलावा खाना या फिर पानी की भरी बोतल भी घर ना लाएं, क्योंकि ऊपरी हवा की वजह से यहां हर खरीदा सामान छोड़ना पड़ता है।
  • साथ ही जब भी आप मंदिर के अंदर हो तो किसी से भी बात ना करें।
  • मेहंदीपुर बालाजी में जब भी आएं, तो बिल्कुल भी नॉन वेज और लहसुन को खाना तो छोड़िए हाथ भी ना लगाएं। साथ ही घर पहुंचने के बाद भी कुछ दिन तक इन चीजों का सेवन ना करें।
  • दर्शन करने के बाद मंदिर को मुड़कर ना देखें।
  • ऊपरी हवा जैसी चीजों से पीड़ित लोगों को देखकर ना हंसे।
  • हनुमान जी के दर्शन करने के बाद प्रभु श्री राम और सीता माता के दर्शन जरूर करें, तभी आपकी पूजा सफल होगी। (photo credit: mehandipurbalajisawamani.com)​

  • मेहंदीपुर जाने का सबसे अच्छा समय

    मेहंदीपुर बालाजी जाने का समय पूरे 12 महीना सही है, आप यहां कभी भी आकर दर्शन कर सकते हैं। लेकिन कुछ जगह ऐसी होती हैं, जहां आपको बारिश के समय में नहीं जाना चाहिए। यहां हर समय भीड़ काफी रहती है, तो कोशिश करें बरसात के मौसम में यहां जल्दी जाएं वरना बारिश का मौसम जाने के बाद ही यहां आकर दर्शन करें। (photo credit: mehandipurbalajisawamani.com)


    कैसे पहुंचे मेहंदीपुर बालाजी

    हवाई मार्ग: पास का हवाई अड्डा जयपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट है, जो मेहंदीपुर बालाजी से लगभग 110 किलोमीटर दूर है। जयपुर से टैक्सी या बस द्वारा मेहंदीपुर बालाजी पहुंचा जा सकता है।रेल मार्ग: पास का रेलवे स्टेशन बानसूर या बांदीकुई है। यह स्टेशन मंदिर से करीब 40 किलोमीटर दूर है। यहां से आप टैक्सी या ऑटो से मेहंदीपुर बालाजी जा सकते हैं। जयपुर और आगरा से भी रेल सेवा उपलब्ध है, और आप जयपुर से ट्रेन पकड़कर बांदीकुई तक पहुंच सकते हैं।सड़क मार्ग:

    अगर आप बस या प्राइवेट वाहन से जा रहे हैं, तो आप NH 21 (जयपुर-आगरा हाईवे) से मेहंदीपुर बालाजी तक पहुंच सकते हैं।दिल्ली से मेहंदीपुर बालाजी की दूरी लगभग 280 किलोमीटर है, जबकि जयपुर से यह दूरी लगभग 100 किलोमीटर है। कई राज्य परिवहन और प्राइवेट बसें भी उपलब्ध हैं।

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