अब विदेशी गोवा जाना नहीं कर रहे पसंद, आई भारी गिरावट, लोगों ने कहा सब है 'टैक्सी' वालों की गलती

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भारत में अगर विदेशियों की पसंदीदा जगह के बारे में बात की जाए, तो सबसे पहला नाम गोवा का आता है। क्योंकि यही वो प्लेस है, जिसे वे अपने दिल के करीब समझते हैं, यहां उनके हिसाब वाले बीचेस हैं जहां वे मौज से बिकिनी पहन सकते हैं, फॉरेन जैसा लैविश खाना मिलता है, सस्ती बियर मिलती है। ऐसी कई चीजें हैं, जिसकी वजह से हर विदेशी यहां आना पसंद करता है।

लेकिन इन्हीं टूरिस्ट की संख्या में गिरावट देखने को मिली है। एक एक्स यूजर के मुताबिक 2019 से लेकर 2023 तक धीरे-धीरे विदेशी पर्यटकों की संख्या कम हुई है। उनके मुताबिक, जितने विदेशी यहां आया करते थे वो अब गोवा जाने के बजाए श्रीलंका जा रहे हैं। ये रिपोर्ट देखने के बाद, अधिकतर यूजर्स ने कई कई चीजों को लेकर इसकी वजह बताई है। (photo designed by: freepik.com)
2019 से देखी गई कमी ​CEIC के मुताबिक, 2023 में गोवा में केवल 1.5 मिलियन विदेशी सैलानी आए थे, जबकि 2019 में यह संख्या 8.5 मिलियन थी। CEIC, यानी China Economic Information Center ने कहा है कि कोविड के बाद गोवा में घरेलू पर्यटन लगातार बढ़ा है, लेकिन डेटा दिखाने वाले यूजर का कहना है कि यह भी जल्द ही कम होने लगेगा। "भारतीय सैलानी अभी यहां जा रहे हैं, लेकिन जल्द ही वे गोवा आना छोड़ देंगे, क्योंकि यहां पर्यटकों से जुड़े कई शोषण हो रहे हैं, वहीं इससे बढ़िया जगह विदेश में भी हैं, जहां एक टाइम के बाद लोग जा सकते हैं।

टूरिस्ट कम होने के ये भी हो सकते हैं कारण

गोवा में टूरिज्म कम होने की एक एक बड़ी है रूस-यूक्रेन और इज़राइल-फिलिस्तीन के बीच चल रहे युद्ध। इस युद्ध के कारण रूस और इजरायल से आने वाली चार्टर फ्लाइट्स कम हो गई हैं। ये दोनों ही देश गोवा टूरिज्म के लिए काफी जरूरी हैं, क्योंकि अधिकतर विदेशी सैलानी इन्हीं देशों से आते हैं। सैलानी अब थाईलैंड, श्रीलंका, वियतनाम और बाली जैसे देशों की ओर ज्यादा रुख कर रहे हैं। इन देशों में कम खर्च आता है, वीजा लेना आसान है और टूरिस्ट सुविधाएं भी बेहतर हैं।


होटल से लेकर ट्रांसपोर्ट तक सब है महंगा

कई यूजर्स का कहना है कि गोवा के महंगे होटल, खाना और ट्रांसपोर्ट ने कई सैलानियों को परेशान करके रख दिया है। यहां कई लोग सस्ते विकलों की तलाश में है, जहां कम कीमत पर बेहतरीन समुद्र तट और बढ़िया अट्रैक्शन मिल सकें। एक एक्स यूजर ने कहा, "गोवा में लोगों को विदेशियों से ज्यादा पैसे लेना बंद कर देना चाहिए और सस्ती कीमतों और बेहतर अनुभव देना शुरू करना चाहिए, जिससे कि टूरिज्म बढ़ सके।

एक दूसरे यूजर ने कहा, "यहां की हॉस्पिटैलिटी सेक्टर को जगने की जरूरत है। आप औसत दर्जे ववाले अनुभव के साथ आप इतनी ज्यादा कीमत नहीं ले सकते हैं और उम्मीद ये कर रहे हैं कि सैलानी आते रहें।’’


गोवा टैक्सी की कुछ भी कीमतें ​कई X यूजर्स ने गोवा में चल रही टैक्सी को लेकर अपनी आप बीती सुनाई। उनका कहना है कि यहां के टैक्सी ड्राइवर पैसों के मामले में अपनी मनमर्जी चलाते हैं और जो ना माने उनके साथ बदतमीजी करते हैं। यूजर ने कहा एक बार एक ड्राइवर जर्मन टूरिस्ट को 18 किमी के 1800 रुपए का रेट बता रहा था। कई लोगों का कहना है कि यहां एप के जरिए कैब बुक करने पर ड्राइवर चिढ जाते हैं और अलग ही धमकी देने लगते हैं।

गोवा की जगह थाईलैंड जाते हैं लोग

वहीं, कई इंडियन टूरिस्ट का कहना है कि वो अब गोवा जाने के बजाए साउथ ईस्ट एशियन कंट्रीज जाना सही समझते हैं, जिसमें थाईलैंड, कम्बोडिया, वियतनाम जैसी जगह आती हैं। एक यूजर ने कहा, कई लोग अब गोवा को ओवर टूरिज्म प्लेस समझते हैं। वहीं, साउथईस्ट एशिया, कोस्टल स्पेन आदि जैसी जगहों पर आपका खर्चा कम आता है, बेहतर ट्रांसपोर्ट मिलता है, साथ ही काफी कुछ एक्सपीरियंस करने को भी मिलेगा।