अरे बाप रे! यहां हैं दुनिया के सबसे अजीबो गरीब पुल, जो भी गुजरता है यहां से, सामने खड़ी होती है मौत, एक भारत में
लकी नॉट ब्रिज, चीन के चांग्शा शहर में ड्रैगन किंग हार्बर नदी पर बना एक पैदल पुल है। यानी यहां से गाड़ियां नहीं गुजर सकती है, लेकिन लोग आ- जा सकते हैं। यह पुल मोबियस रिंग की तरह दिखता है और इसमें तीन पुलों को एक में मिलाकर बनाया गया है। जो 185 मीटर लंबा और 24 मीटर ऊंचा है। चीन के लोगों के लिए ये पुल साल 2016 से खुल गया था।
ट्विन सेल्स ब्रिज, डोरसेट, इंग्लैंड

इंग्लैंड के डोरसेट के पूल में बना एक डबल लीव्ड बेसक्यूल ब्रिज है। जिसे आम लोगों के लिए साल 2012 में खोला गया था। अपने खास डिजाइन के कारण ये ब्रिज पूरी दुनिया भर में मशहूर है। इसी के साथ बता दें, ये ब्रिज दुनिया का पहला सबसे ज़्यादा भीड़-भाड़ वाला पुल है। इस पुल में दो वाहन लेन और दो साइकिल लेन है। बता दें, जब बड़े शिप इस पुल के नीचे से गुजरते हैं, तो डबल लीव्ड बेसक्यूल ब्रिज ऊपर की तरफ खुल जाता है।
एशिमा ओहाशी, जापान
जापान के एशिमा ओहाशी ब्रिज से जो भी ड्राइवर गुजरता है, उसे ब्रिज कम, रोलरकोस्टर ज्यादा लगता है। ड्राइवर इस पर डर-डरकर गाड़ी चलाते हैं। ऐसे में जान का खतरा यहां बना रहता है। ब्रिज के डिजाइन की बात करें, तो बिल्कुल सीधा सीधा खड़ा है। बताया जाता है, ऐसा इसलिए बनाया गया है, ताकि लेक में शिप को ब्रिज के नीचे से जाने में दिक्कत न आए। ये ब्रिज 1.7 किमी लंबा है और इसकी चौड़ाई 11.4 मीटर है।
ड्रैगन ब्रिज, वियतनाम
ड्रैगन ब्रिज वियतनाम के दा नांग में हान नदी पर एक पुल है। पुल का निर्माण 19 जुलाई 2009 को शुरू हुआ और साल 2013 में ये पुल आम लोगों के लिए खोल दिया था। ड्रैगन ब्रिज 666 मीटर लंबा, 37.5 मीटर चौड़ा है और इसमें यातायात के लिए छह लेन हैं। ब्रिज के डिजाइन की बात करें, तो यहां आपको आग उगलने वाला ड्रैगन मिलेगा, जिसने ब्रिज को चारों ओर से जकड़ रखा है। यहां गाड़ी चलाने वाला हमेशा दहशत में रहता है।
लिविंग रूट ब्रिज, भारत

आपने अक्सर देखा होगा, कि पुल स्टील, कंक्रीट, पत्थर, डामर, लोहा, लकड़ी, एल्यूमीनियम, से बनाए जाते हैं, लेकिन भारत में एक ऐसा पुल है, जिसे जीवित वृक्षों की जड़ों से बनाया गया है। ये पुल मेघालय में है और कहा जाता है, इस पुल का निर्माण स्थानीय जनजाति के लोगों द्वारा किया गया था।
तब से लेकर अब तक दूर- दूर से लोग इस पुल को देखने आते हैं। हालांकि जो भी यहां से इस पुल से जाता है, तो पहली बार में डर जाता है, क्योंकि ये सिर्फ जड़ों पर टिका हुआ है।