आग से खेलना बंद कर दो... ताइवान को अमेरिकी मदद पर भड़का चीन, क्या ये बड़े संघर्ष की आहट?

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बीजिंग: अमेरिका के ताइवान को सैन्य सहायता के ऐलान पर चीन ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। चीन ने अमेरिका को धमकी भरे लहजे में ऐसा ना करने के लिए चेताते हुए कहा है कि ताइवान के मुद्दे पर वॉशिंगटन आग से खेल रहा है। चीन की यह प्रतिक्रिया अमेरिका के उस ऐलान के बाद आई है, जिसमें उसने ताइवान को सैन्य मदद बढ़ाने और हथियार बेचने का ऐलान किया है।
बीजिंग का कहना है कि अमेरिका का यह कदम चीन की संप्रभुता का उल्लंघन है और क्षेत्रीय स्थिरता को कमजोर करता है। चीन की अमेरिका को सीधी चेतावनी से क्षेत्र में बड़े टकराव की आशंका भी पैदा हो गई है।सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी करते हुए अमेरिका से ताइवान जलडमरूमध्य में शांति के खतरा पैदा करने वाले कदम रोकने के लिए कहा है। चीन के ताइवान मामलों के कार्यालय ने कहा कि अमेरिका की ऐसी हरकतें उसकी 'ताइवान की स्वतंत्रता' का समर्थन ना करने की प्रतिबद्धता के खिलाफ हैं।
चीनी कार्यालय की प्रवक्ता झू फेंग्लियन ने कहा, 'हम मांग करते हैं कि अमेरिका तुरंत ताइवान को हथियार देना बंद करे और इस मुद्दे पर बहुत सावधानी से कदम उठाए।' अमेरिका का ताइवान को मदद का ऐलानअमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन ने हाल ही में ताइवान को 57.13 करोड़ डॉलर तक की सैन्य सहायता को मंजूरी दी है। अक्टूबर में भी अमेरिका ने ताइवान को दो अरब डॉलर के हथियारों की बिक्री को मंजूरी दी थी। इससे चीन भड़का हुआ है। चीन ने कहा है कि अमेरिका का यह कदम चीन की संप्रभुता और सुरक्षा हितों का गंभीर उल्लंघन करता है।
अमेरिका ने अभी तक चीन की चेतावनी पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है।ताइवान को लेकर दोनों देशों के बीच लंबे समय से मतभेद रहे हैं। अमेरिका ताइवान को हथियार बेचकर और सैन्य सहायता देकर उसका समर्थन करता है। दूसरी ओर चीन ताइवान को अपना एक हिस्सा मानता है और किसी भी बाहरी हस्तक्षेप का विरोध करता है। ऐसे में चीन ने अमेरिका की कार्रवाई को अपनी संप्रभुता पर हमला कहा है। चीन और ताइवान के बीच भी हालिया समय में तनातनी बढ़ी है। ताइवान ने इस महीने की शुरुआत में मांग की थी कि चीन जल क्षेत्र में अपनी सैन्य गतिविधि को रोके।
ताइवान का कहना है कि उसके जल क्षेत्र के आसपास चीन की आक्रामकता से शांति और स्थिरता कमजोर होगी और अंतरराष्ट्रीय व्यापार बाधित होगा।