कमजोर ईरान बना सकता है परमाणु बम... टेंशन में क्यों है अमेरिका, जानें NSA सुलिवन ने क्या कहा

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वॉशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने कहा है कि बाइडन प्रशासन को चिंता है कि कमजोर ईरान परमाणु हथियार बना सकता है। उन्होंने कहा कि वे राष्ट्रपति निर्वाचित डोनाल्ड ट्रंप की टीम को इस जोखिम के बारे में जानकारी दे रहे हैं। बाइडन का कार्यकाल 20 जनवरी 2025 को खत्म हो रहा है। उसके बाद डोनाल्ड ट्रंप अमेरिकी राष्ट्रपति का पदभार संभालेंगे।
ऐसे में पुराने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मध्य पूर्व समेत पूरी दुनिया के वर्तमान हालात की जानकारी नई टीम को दे रहे हैं। मध्य पूर्व में कमजोर पड़ा ईरानईरान पिछले कुछ महीनों में मध्य पूर्व में काफी अकेला पड़ गया है। इससे पहले ईरान के पास कई देशों में प्रॉक्सी फौज का समर्थन था। हालांकि, लगातार बदलते हालात ने ईरान को बहुत ज्यादा प्रभावित किया है। ईरान के सहयोगियों में गाजा पट्टी में हमास, लेबनान में हिजबुल्लाह, सीरिया में बशर अल-असद की सरकार शामिल थी। वर्तमान में इजरायल ने हमास और हिजबुल्लाह को लगभग खत्म कर दिया है।
वहीं, असद सरकार को सीरियाई विद्रोहियों ने हटा दिया है। इससे ईरान को अपने क्षेत्रीय प्रभाव में झटका लगा है। इजरायल ने ईरान को पहुंचाई चोटसुलिवन ने कहा, मिसाइल कारखानों और एयर डिफेंस सहित ईरानी सैन्य ठिकानों पर इजरायली हमलों ने तेहरान की पारंपरिक सैन्य क्षमताओं को कम कर दिया है। उन्होंने कहा, "इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि (ईरान में) ऐसी आवाजें उठ रही हैं, 'अरे, शायद हमें अभी परमाणु हथियार बनाने की जरूरत है ... शायद हमें अपने परमाणु सिद्धांत पर फिर से विचार करना होगा।" ईरान बना सकता है परमाणु बमईरान का कहना है कि उसका परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण है, लेकिन उसने यूरेनियम संवर्धन का विस्तार किया है, क्योंकि ट्रंप ने अपने 2017-2021 के राष्ट्रपति कार्यकाल में तेहरान और विश्व शक्तियों के बीच एक समझौते से बाहर निकल लिया था, जिसमें प्रतिबंधों में राहत के बदले ईरान की परमाणु गतिविधि पर प्रतिबंध लगाए गए थे।
सुलिवन ने कहा कि एक जोखिम था कि ईरान परमाणु हथियार नहीं बनाने के अपने वादे को छोड़ सकता है। टीम ट्रंप को जानकारी दे रहे एनएसए सुलिवनउन्होंने कहा, "यह एक ऐसा जोखिम है जिसके बारे में हम अभी से सतर्क रहने की कोशिश कर रहे हैं। यह एक ऐसा जोखिम है जिसके बारे में मैं व्यक्तिगत रूप से आने वाली टीम को जानकारी दे रहा हूं।" उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने अमेरिकी सहयोगी इजरायल से भी परामर्श किया है। ट्रंप 20 जनवरी को पदभार ग्रहण करेंगे। ऐसे में संभावना है कि वेईरान के तेल उद्योग पर प्रतिबंधों को बढ़ाकर अपनी सख्त ईरान नीति पर लौट सकते हैं।
ट्रंप के पास ईरान से डील करने का बेहतरीन मौकासुलिवन ने कहा कि ईरान की "कमजोर स्थिति" को देखते हुए ट्रंप के पास तेहरान के साथ कूटनीति को आगे बढ़ाने का अवसर होगा। उन्होंने कहा, "शायद इस बार वह ईरान की स्थिति को देखते हुए इस पर सहमत हो जाएं और वास्तव में एक परमाणु समझौता कर लें, जो दीर्घावधि के लिए ईरान की परमाणु महत्वाकांक्षाओं पर अंकुश लगाएगा।" ईरानी परमाणु बम से अमेरिका को कैसे खतराअमेरिका को डर है कि ईरान अगर परमाणु बम बना लेता है, तो इससे न सिर्फ वॉशिंगटन बल्कि क्षेत्र में अमेरिकी हितों को गंभीर खतरा हो सकता है।
अमेरिका का सबसे करीबी दोस्त इजरायल तो ईरानी परमाणु बम को अस्तित्व पर संकट के रूप में देख रहा है। अमेरिका को यह भी डर है कि ईरान अपने परमाणु बम का इस्तेमाल मध्य पूर्व में तैनात अमेरिकी सेना पर कर सकता है। इसके अलावा परमाणु बम बना लेने के बाद ईरान के पास दबाव बनाने का एक हथियार भी आ जाएगा, जैसे उत्तर कोरिया करता है।