झुहाई एयरशो में चीन का शक्ति प्रदर्शन, जानें कौन-कौन से हथियार दिखा रहा, भारत की बढ़ेगी टेंशन!

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बीजिग: चीन 12 से 17 नवंबर तक होने वाले झुहाई एयरशो में शक्ति प्रदर्शन करने को तैयार है। इस एयरशो में चीन अपने अत्याधुनिक सैन्य तकनीकों को दुनिया के सामने प्रस्तुत कर रहा है। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि यह सिर्फ अत्याधुनिक सैन्य तकनीक प्रदर्शनी से कहीं बढ़कर है। यह चीन की बढ़ती ताकत का एक साहसिक प्रदर्शन है, जो पूरे एशिया-प्रशांत क्षेत्र में चिंता बढ़ा रहा है, जिसमें भारत भी शामिल है।
एयरशो में HQ-19 सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली, J-35A स्टील्थ फाइटर जेट और J-15T एयरक्राफ्ट कैरियर से उड़ान भरने वाला फाइटर जेट सहित कई उन्नत सैन्य उपकरण प्रदर्शित किए जाएंगे। ये शक्तिशाली तकनीकें चीन की बढ़ती सैन्य क्षमताओं को प्रस्तुत करती हैं, जो क्षेत्र की सुरक्षा और स्थिरता को प्रभावित कर सकती हैं। HQ-19 मिसाइल प्रणालीएयरशो चाइना 2024 में सबसे खास विशेषताओं में से एक HQ-19 सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली है। इस उन्नत हथियार को बैलिस्टिक मिसाइलों को रोकने के लिए डिजाइन किया गया है, जो चीन की क्षेत्रीय रक्षा में एक बड़ी बढ़त को दर्शाता है।
हाइपरसोनिक वाहनों और विभिन्न बैलिस्टिक मिसाइल खतरों को लक्षित करने वाली तकनीक के साथ, HQ-19 चीनी वायु सेना की उच्च गति के हमलों को संभालने की क्षमता को मजबूत करता है।HQ-19 मिसाइल प्रणाली की रेंज लंबी है और इसे सीधे लॉन्च किया जा सकता है, जो इसे दूर से ही दुश्मन की मिसाइलों को मार गिराने की शक्ति देता है। यह डिफेंस सिस्टम चीन की सीमाओं से परे भी काम कर सकता है। इससे चीन को बहुत ज्यादा फायदा है क्योंकि यह एक बड़ी "मिसाइल शील्ड" बना सकता है जो अन्य देशों को मिसाइल लॉन्च करने से रोक सकती है।
भारत जैसे देश, जो रक्षा के लिए बैलिस्टिक मिसाइलों पर निर्भर हैं, HQ-19 उनकी मिसाइल रक्षा योजना को बदल सकता है। चूंकि HQ-19 उन्नत मिसाइल खतरों को रोक सकता है, इसलिए यह भारत की मौजूदा मिसाइल रक्षा प्रणालियों, जैसे कि रूस निर्मित S-400 को चुनौती दे सकता है। J-35A स्टील्थ फाइटर जेटएयरशो चाइना 2024 में चीन ने पहली बार J-35A स्टील्थ फाइटर जेट को सार्वजनिक किया है। इस फाइटर जेट को चीन के पड़ोसी देशों के लिए बड़ा खतरा माना जा रहा है। J-20 के बाद चीन के दूसरे स्टील्थ फाइटर के रूप में, J-35A एक अत्यधिक शक्तिशाली विमान है, जो एक साथ कई मिशनों को अंजाम दे सकता है।
इनमें एयर सुपीरियॉरिटी, जमीनी लक्ष्यों पर हमले करना, एयरक्राफ्ट कैरियर से उड़ान भरना शामिल है। यह अपने उन्नत स्टील्थ डिजाइन और खतरों का पता लगाने की क्षमता के कारण चीन की हवाई ताकत को कई गुना बढ़ा सकता है। चीन का J-35A फाइटर जेट को नेक्स्ट जेनरेशन के लड़ाकू विमान के रूप में डिजाइन किया गया है। यह लड़ाकू विमान भारत के राफेल और अमेरिका के F-35 जैसे उन्नत जेट को चुनौती दे सकता है। यह संभावित बदलाव एशिया में हवाई शक्ति संतुलन को बिगाड़ सकता है। भारत के लिए यह घटनाक्रम चिंताजनक है क्योंकि भारतीय वायुसेना पहले से ही अपने लड़ाकू विमानों की संख्या में कमी का सामना कर रही है, जिसमें केवल 31 स्क्वाड्रन ही परिचालन में हैं।
जबकि, भारतीय वायु सेनाको कम से कम 42 स्क्वाड्रन की जरूरत है। आने वाले वर्षों में मिग-21 और जगुआर को सेवा से हटाने के कारण स्थिति और ज्यादा बिगड़ सकती है। J-15T लड़ाकू विमानचीन का J-15T उसके कैरियर बेस्ड लड़ाकू विमान का उन्नत वेरिएंट है। यह चीन के एयरक्राफ्ट कैरियरों की रीढ़ बन सकता है। J-15T में अमेरिकी नौसेना की उन्नत प्रणालियों के समान विद्युत चुम्बकीय कैटापल्ट का उपयोग किया गया है, जिससे यह भारी हथियार भार ले जाने और अधिक दूरी तक उड़ान भरने में सक्षम है। इससे चीन की नौसेना को एशिया-प्रशांत क्षेत्र में अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए अधिक मदद मिलती है।
वहीं, भारत को अभी खुद के कैरियर बेस्ड फाइटर जेट को विकसित करने में कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा है। इसमें सबसे बड़ी बाधा पैसों की कमी है। इसने भारतीय नौसेना के बेड़े के विकास को काफी धीमा कर दिया है। क्षेत्रीय स्थिरता के लिए खतराचीन की तीव्र सैन्य प्रगति एशिया-प्रशांत क्षेत्र में अपने प्रभाव को बढ़ाने की उसकी महत्वाकांक्षा को उजागर करती है, जो संभावित रूप से वर्तमान सुरक्षा व्यवस्था को चुनौती देती है। उन्नत वायु और मिसाइल प्रौद्योगिकी में चीन की प्रगति सुरक्षा गठबंधनों, जैसे कि क्वाड (अमेरिका, भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया) की टेंशन बढ़ा सकती है।
क्वाड सदस्य "स्वतंत्र और खुले इंडो-पैसिफिक" को बनाए रखने के लिए काम कर रहे हैं। चीन की सैन्य प्रगति के साथ, आस-पास के देशों पर अपनी रक्षा रणनीतियों पर पुनर्विचार करने का दबाव हो सकता है, जिससे संभवतः चीन के बढ़ते प्रभाव के साथ तालमेल रखने के लिए हथियारों की होड़ शुरू हो सकती है।