खैबर पख्तूनख्वा बना पाकिस्तानी फौज के लिए काल, दो हमलों में 25 सैनिकों की मौत, बीएलएफ ने दी सीधी चुनौती
इस्लामाबाद: पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा (केपी) प्रांत में सेना और सुरक्षा बलों पर दो बड़े हमले हुए हैं। बलूचिस्तान लिबरेशन फ्रंट ने एक बयान जारी कर कहा है कि खारन जिले में उसके लड़ाकों ने पाक फौज के नौ सैनिकों को मार दिया है, जिनमें एक मेजर भी शामिल है। हमला ऐसे समय हुआ है जब दक्षिणी वजीरिस्तान के माकिन में भी एक हमले में 16 पाक सैनिक मारे गए हैं, इस हमले का संदेह टीटीपी पर है।
एक ही दिन के भीतर दो अटैक से पता चलता है कि पाकिस्तान के केपी प्रांत में सेना और सुरक्षाबलों पर हमले लगातार बढ़ते जा रहे हैं।बलूचिस्तान लिबरेशन फ्रंट (बीएलएफ) ने बयान जारी करते हुए उस हमले की जिम्मेदारी ली है, जिसमें बलूचिस्तान के खारन जिले में एक मेजर सहित नौ पाकिस्तानी सैन्य कर्मियों की मौत हुई है। बीएलएफ के प्रवक्ता मेजर ग्वाहराम बलूच ने एक बयान में कहा, 'यह झड़प 20 दिसंबर की सुबह हारो के पास सर खारन इलाके में हुई। पाकिस्तानी सैन्य काफिला ने जब बीएलएफ लड़ाकों को घेरने की कोशिश की तो गोलीबारी हुई।
इस दौरान एक मेजर सहित नौ सैन्यकर्मी मारे गए।' बीएलएफ ने कहा है कि हेलीकॉप्टर से पाक सेना ने अपने फौजियों के शवों को उठाया। वजीरिस्तान में नौ 16 की मौतपाकिस्तान के दक्षिण वजीरिस्तान में भी एक सुरक्षा चौकी पर हमला हुआ है, इस हमले में 16 सैनिक मारे गए हैं। यह हमला शुक्रवार-शनिवार की रात को हुआ। हमलावरों ने शुक्रवार देर रात चौकी पर हमला किया था। पाक सेना के मीडिया विंग ने बताया है कि सुरक्षा बलों ने जवाबी कार्रवाई में आठ हमलावरों को मार गिराया लेकिन इस मुठभेड़ में 16 सैनिकों की भी जान चली गई।
इस हमले के पीछे टीटीपी को माना जा रहा है।केपी में यह पाक सेना पर हमले 2022 में पाकिस्तानी सरकार और प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के बीच संघर्ष विराम समझौते के टूटने के बाद से बढ़ गए हैं। ये पाक फौज के लिए क्षेत्र में बढ़ती सुरक्षा चुनौतियों को दर्शाता है। बीते कुछ महीनों में खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में सुरक्षा बलों पर कई हमले हुए हैं। पाकिस्तान के कबायली इलाकों में हिंसा में तेजी पाक फौज की सैन्य कार्रवाइयों के बाद आई है। पाक सेना की कार्रवाई में 43 लोग मारे गए थे, जिनमें 18 खैबर पख्तूनख्वा में और 25 बलूचिस्तान में थे।
पाकिस्तान ने इन लोगों को आतंकी बताया था। इसके बाद से इन इलाकों में हिंसा की घटनाएं तेजी बढ़ गई हैं।
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