कोलेस्ट्रॉल कम कर सकती हैं 3 आयुर्वेदिक जड़ी बूटी ...
अगर आप बदलते मौसम की वजह से नाक बहना, सर्दी-जुकाम, खांसी, पाचन में गड़बड़ी, कोलेस्ट्रॉल, त्वचा रोग और थाइरोइड जैसी बीमारियों से पीड़ित हैं, तो आप इनसे निटपने के लिए आयुर्वेदिक उपाय का भी सहारा ले सकते हैं।
आयुर्वेद में कई जड़ी बूटियां हैं, जो सिर से लेकर एड़ी तक कई बीमारियों का नाश कर सकती हैं। ऐसा ही एक जबरदस्त उपाय त्रिकटु है। यह तीन घटकों का एक आयुर्वेदिक मिश्रण है जिसे आमतौर पर त्रिकटु के नाम से जाना जाता है।
आयुर्वेदिक डॉक्टर दीक्षा भावसार के अनुसार, त्रि- का अर्थ तीन और कटु- का अर्थ जड़ी-बूटियां होती हैं जो गर्म और तीखी होती हैं। यह तीनों मसाले रसोई में आसानी से उपलब्ध हो सकते हैं। चलिए जानते हैं इनका इस्तेमाल कैसे किया जाना चाहिए।
आपको चाहिए ये चीजें
मरिच: काली मिर्च
पिप्पली: लंबी मिर्च
शुनठी: सूखी अदरक
भूख बढ़ाने और पाचन में सहायक है त्रिकटु
यह भूख बढ़ाता है (लिवर, प्लीहा और अग्न्याशय के लिए अच्छा है)। इसके अलावा पेट को एंजाइम उत्पादन के लिए उत्तेजित करता है। इसलिए यह पाचन में मदद करता है।
खांसी और कोलेस्ट्रॉल के लिए आयुर्वेदिक चूर्ण
सर्दी-खांसी का रामबाण इलाज
मौसम बदल रहा है और ज्यादातर राज्यों में बारिश हो रही है जिसकी वजह से श्वसन संबंधी रोग जैसे खांसी, जुकाम, अस्थमा, एलर् का खतरा बढ़ गया है। इन समस्याओं से राहत पाने के लिए आप त्रिकटु का इस्तेमाल कर सकते हैं।
कोलेस्ट्रॉल और थायरॉइड के लिए उपयोगी
त्रिकटु चूर्ण फैट बर्न करने और कोलेस्ट्रॉल कम करने में सहायक है। यह थायरॉइड से लेकर गले में खराश और टॉन्सिलिटिस तक सभी गले के रोगों में उपयोगी है।
कैसे करें त्रिकटु चूर्ण का इस्तेमाल
इसकी 500 मिलीग्राम खुराक को 3 ग्राम में बांट लें और इसे भोजन के बाद ही लें। त्रिकटु चूर्ण को शहद या पानी के साथ लिया जा सकता है। यदि यह स्वाद के लिए बहुत तीखा है, तो इसे भोजन में भी मिलाया जा सकता है और भोजन के साथ लिया जा सकता है।
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
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