उत्तर प्रदेश सरकार का बड़ा कदम, मथुरा की सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने और कनेक्टिविटी बढ़ाने की पहल
उत्तर प्रदेश सरकार मथुरा की सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर को संरक्षित करने और इसे देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए और अधिक सुलभ बनाने पर जोर दे रही है। ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे के किनारे ब्रज क्षेत्र को प्रदर्शित करने के लिए विशेष क्षेत्र का निर्माण किया जाएगा। इस परियोजना से मथुरा-वृंदावन की यात्रा न केवल आसान होगी, बल्कि इसका धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व भी और बढ़ जाएगा।
मथुरा-वृंदावन में हर दिन हजारों श्रद्धालु बांके बिहारी मंदिर और अन्य पवित्र स्थलों का दर्शन करने आते हैं।
- त्योहारों और उत्सवों के दौरान यह संख्या कई गुना बढ़ जाती है।
- अब सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए हैं कि श्रद्धालुओं को मथुरा और वृंदावन पहुंचने में किसी प्रकार की कठिनाई न हो।
- बांके बिहारी मंदिर को यमुना एक्सप्रेसवे से जोड़ा जाएगा।
ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे, जो पहले 101 किमी लंबा था, अब इसे 102.1 किमी तक बढ़ा दिया गया है।
प्रमुख बदलाव:- ब्रज विकास परिषद की बैठक में अलाइनमेंट में बदलाव किया गया।
यमुना प्राधिकरण द्वारा वृंदावन गेटवे का निर्माण किया जाएगा।
प्रमुख विशेषताएं:- यह ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे का हिस्सा होगा और इसे यमुना नदी पर बनाए गए पुल से जोड़ा जाएगा।
- वृंदावन गेटवे पर 20 मीटर ऊंची भगवान श्रीकृष्ण और बलराम की प्रतिमा लगाई जाएगी।
- यह कट श्रद्धालुओं के लिए एक प्रमुख आकर्षण होगा।
ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे को नेशनल हाईवे-44 और यमुना एक्सप्रेसवे से जोड़ने के लिए 7 किमी लंबी सड़क बनाई जाएगी।
- यह एक्सप्रेसवे फरीदाबाद और यमुना के दूसरी ओर कनेक्ट होगा।
- कुल लंबाई: 24 किमी।
- दिल्ली, एनसीआर, और फरीदाबाद से आने वाले यात्रियों के लिए यह मार्ग बेहद सुविधाजनक होगा।
यमुना नदी के दोनों ओर सड़क और पुल निर्माण की योजना बनाई गई है:
- 21 मीटर चौड़ा।
- यमुना के एक ओर 7 किमी लंबी सड़क।
- दूसरी ओर भी 7 किमी लंबी सड़क।
- लगभग 400 करोड़ रुपये की लागत से यमुना के दोनों ओर सड़क और ब्रिज का निर्माण होगा।
द्वारकाधीश मंदिर और बांके बिहारी मंदिर को ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे से जोड़ा जाएगा।
- इससे श्रद्धालुओं के लिए वृंदावन तक पहुंचना बेहद सरल हो जाएगा।
- यह योजना धार्मिक पर्यटन को नई ऊंचाई पर ले जाएगी।