WazirX पर उत्तर कोरिया का साइबर अटैक, तीन देशों की जांच
WazirX पर उत्तर कोरिया से हुआ था साइबर अटैक, कार्रवाई के लिए अब तीन देशों ने मिलाया हाथ
WazirX, भारत का प्रमुख क्रिप्टो एक्सचेंज, हाल ही में एक बड़े साइबर हमले का शिकार हुआ। इस हमले का संबंध उत्तर कोरिया से जोड़ा जा रहा है, जिसने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हलचल मचा दी है। अब इस मामले में कार्रवाई करने के लिए तीन देशों—भारत, अमेरिका और दक्षिण कोरिया—ने हाथ मिलाने का फैसला किया है। यह घटना न केवल साइबर सुरक्षा को लेकर बढ़ती चिंताओं को उजागर करती है, बल्कि इसे लेकर वैश्विक सहयोग की आवश्यकता पर भी जोर देती है।
रिपोर्ट्स के अनुसार, उत्तर कोरिया से जुड़े एक कुख्यात हैकिंग ग्रुप ने WazirX पर साइबर अटैक किया। इस हमले का उद्देश्य क्रिप्टो करेंसी को चुराना और उसे अपनी गतिविधियों को वित्तपोषित करने के लिए इस्तेमाल करना था।
हैकर्स ने अत्याधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल करते हुए एक्सचेंज की सुरक्षा प्रणाली में सेंध लगाने की कोशिश की। हालांकि, WazirX की साइबर सुरक्षा टीम ने इस हमले को समय रहते पकड़ लिया, लेकिन इसने दिखा दिया कि साइबर अपराधियों के इरादे कितने खतरनाक हो सकते हैं।
उत्तर कोरिया लंबे समय से अपने साइबर अपराध नेटवर्क के लिए कुख्यात रहा है। यह देश विभिन्न देशों और संगठनों के खिलाफ साइबर हमलों को अंजाम देने के लिए “लाजर ग्रुप” जैसे कुख्यात हैकिंग संगठनों का इस्तेमाल करता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इन हमलों का मुख्य उद्देश्य विदेशी मुद्रा और क्रिप्टो संपत्तियों को चुराना है, ताकि अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के बावजूद उत्तर कोरिया अपने परमाणु और सैन्य कार्यक्रमों को जारी रख सके।
इस गंभीर मामले से निपटने के लिए भारत, अमेरिका और दक्षिण कोरिया ने आपस में सहयोग करने का निर्णय लिया है। तीनों देशों की एजेंसियां मिलकर इस साइबर हमले की जांच कर रही हैं और यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि इस नेटवर्क का असली दायरा कितना बड़ा है।
अंतरराष्ट्रीय सहयोग से यह उम्मीद है कि साइबर अपराधियों को ट्रैक करना और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करना संभव हो सकेगा।
WazirX ने इस हमले के तुरंत बाद अपनी सुरक्षा प्रणाली को और मजबूत करने के लिए कदम उठाए हैं। कंपनी ने कहा है कि वह अपने उपयोगकर्ताओं की संपत्तियों को सुरक्षित रखने के लिए अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग कर रही है।
WazirX ने इस घटना के बाद अपने उपयोगकर्ताओं को यह सलाह भी दी है कि वे अपनी अकाउंट सुरक्षा बढ़ाने के लिए टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) और मजबूत पासवर्ड का इस्तेमाल करें।
यह घटना एक बार फिर यह बताती है कि क्रिप्टो एक्सचेंज साइबर अपराधियों के निशाने पर हैं। ब्लॉकचेन तकनीक की सुरक्षा के बावजूद, एक्सचेंज प्लेटफॉर्म अक्सर हैकिंग के लिए संवेदनशील होते हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस प्रकार के हमले बढ़ती हुई डिजिटल अर्थव्यवस्था और क्रिप्टो करेंसी की लोकप्रियता का नतीजा हैं। इसलिए, एक्सचेंज और उपयोगकर्ताओं को हमेशा सतर्क रहना चाहिए।
उत्तर कोरिया का क्रिप्टो करेंसी के जरिए अपराध करना कोई नई बात नहीं है। इससे पहले भी लाजर ग्रुप ने कई बड़े अंतरराष्ट्रीय क्रिप्टो एक्सचेंजों पर हमले किए हैं। उनका उद्देश्य चुराई गई संपत्तियों का इस्तेमाल अपने राष्ट्रीय उद्देश्यों को पूरा करने के लिए करना है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह समय है जब अंतरराष्ट्रीय समुदाय साइबर अपराधों के खिलाफ एकजुट होकर कड़े कदम उठाए।