अब प्रोफेसर बनने के लिए यूजीसी नेट या पीएचडी अनिवार्य: जानें नए बदलावों के बारे में
अगर आप प्रोफेसर बनने का सपना देख रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए एक खुशखबरी की तरह है। अब, विश्वविद्यालयों में प्रोफेसर बनने के लिए सिर्फ यूजीसी नेट या पीएचडी वाले विषयों में ही नियुक्ति हो सकेगी। यह बदलाव नए साल में शिक्षा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।
क्या था पहले का नियम?पहले, किसी भी विश्वविद्यालय में शिक्षक बनने के लिए यह आवश्यक था कि उम्मीदवार के पास एक ही विषय में अंडर ग्रेजुएट (यूजी), पोस्ट ग्रेजुएट (पीजी) और पीएचडी की डिग्री हो। यानी, शिक्षक बनने के लिए एक ही विषय में शिक्षा पूरी करनी पड़ती थी। लेकिन अब राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के तहत इस प्रक्रिया में बदलाव किया गया है।
एनईपी 2020 का उद्देश्य उच्च शिक्षा में अधिक लचीलापन लाना है। इसके तहत विश्वविद्यालयों में अब बहुविषयक शिक्षा को बढ़ावा दिया जा रहा है, ताकि छात्र विभिन्न विषयों का अध्ययन कर सकें और उन्हें अधिक विकल्प मिल सकें। यह बदलाव शिक्षा प्रणाली को समग्र और व्यापक बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
प्रोफेसर बनने के लिए नया मार्गअब, यदि आप किसी विषय में यूजीसी नेट पास करते हैं या आपने पीएचडी की है, तो आपको शिक्षक बनने का अवसर मिलेगा, भले ही आपने किसी और विषय में स्नातक या स्नातकोत्तर किया हो। इससे विभिन्न क्षेत्रों में शिक्षा देने की संभावना बढ़ जाएगी।
अब विश्वविद्यालयों में प्रमोशन के लिए रिसर्च पेपर, स्टार्टअप्स, इनोवेशन, इंटरप्रेन्योरशिप, पेटेंट्स, और इंडस्ट्री पार्टनरशिप जैसे क्षेत्रों का भी मूल्यांकन किया जाएगा।
इन दोनों पदों पर प्रमोशन के लिए पीएचडी और फैकल्टी डेवलेपमेंट प्रोग्राम की ट्रेनिंग अनिवार्य होगी।
अब असिस्टेंट प्रोफेसर से एसोसिएट प्रोफेसर बनने के लिए आपको 12 साल की कड़ी रिसर्च करनी होगी। साथ ही, इस प्रक्रिया में कई बदलाव किए जाएंगे, जिससे गुणवत्ता में सुधार और समाज के हितों पर अधिक ध्यान दिया जा सके। इसका उद्देश्य शिक्षकों को नए दृष्टिकोण से प्रशिक्षित करना है, ताकि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हो सके।
यूजीसी रेगुलेशन 2024 का महत्वयूजीसी रेगुलेशन 2024 के लागू होने के बाद, विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में शिक्षक बनने की प्रक्रिया में कई महत्वपूर्ण बदलाव होंगे। यह बदलाव शिक्षक बनने के लिए आवश्यक योग्यता, प्रमोशन के मानदंड और शोध में सुधार को ध्यान में रखते हुए किया गया है।
अब, विश्वविद्यालयों में शिक्षक बनने के लिए केवल एक ही विषय में यूजी, पीजी और पीएचडी की डिग्री होना जरूरी नहीं है। इसके बजाय, एनईपी 2020 के तहत छात्रों को बहुविषयक अध्ययन की स्वतंत्रता दी गई है, ताकि उनका समग्र विकास हो सके।
स्नातक में विशेष कौशल रखने वाले शिक्षक बन सकेंगेअब जो छात्र किसी विशेष क्षेत्र में विशेष कौशल रखते हैं, जैसे योग, नाटक, फाइन आर्ट्स आदि, उन्हें भी शिक्षक बनने का अवसर मिलेगा। ऐसे छात्र असिस्टेंट प्रोफेसर के पद के लिए आवेदन कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए उन्हें राष्ट्रीय स्तर का पुरस्कार या सम्मान प्राप्त होना अनिवार्य होगा।