2025 में विदेश से कर सकेंगे MBBS, बिना NEET के भी मिलेगा एडमिशन, जानें पूरी डिटेल

Hero Image

विदेश में भारतीय छात्रों के रूप में एमबीबीएस की पढ़ाई करें: हर साल भारत में लाखों छात्र ‘राष्ट्रीय पात्रता प्रवेश परीक्षा’ (NEET) देते हैं। इस परीक्षा में अच्छे अंक लाने वाले छात्रों को मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश मिलता है। डॉक्टर बनने की सबसे बड़ी चुनौती इस परीक्षा को पास करना है। हालांकि, कई छात्र इस परीक्षा को पास नहीं कर पाते हैं। इस साल भी कई छात्र ऐसे रहे हैं जो NEET परीक्षा में सफल नहीं हो पाए। लेकिन उन्हें निराश होने की जरूरत नहीं है।

विदेशों में कई ऐसी यूनिवर्सिटी हैं, जहां बिना NEET स्कोर के भी MBBS की पढ़ाई की जा सकती है। पिछले एक दशक में बड़ी संख्या में भारतीय छात्रों ने MBBS की पढ़ाई के लिए विदेश का रुख किया है। हर साल 20 से 25 हजार छात्र विदेश में पढ़ाई करने जा रहे हैं। इनमें हजारों छात्र ऐसे भी हैं, जो बिना NEET परीक्षा पास किए ही विदेश से MBBS कर रहे हैं। अगर आप भी 2025 में बिना NEET स्कोर के MBBS करना चाहते हैं, तो इस लेख में हम आपको सारी जरूरी डिटेल्स बताएंगे।

NEET परीक्षा क्या है?

भारत में डॉक्टर बनने के लिए NEET परीक्षा बहुत महत्वपूर्ण परीक्षा है। देश के मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन के लिए NEET स्कोर की आवश्यकता होती है। NEET की शुरुआत 2013 में हुई थी। उससे पहले हर राज्य की अपनी मेडिकल प्रवेश परीक्षा होती थी। रूस जैसे कई देशों में मेडिकल कोर्स में एडमिशन लेने के लिए भारतीय छात्रों को NEET स्कोर की आवश्यकता होती है। NEET स्कोर के बिना कई बार छात्रों के पास पढ़ाई के लिए ज्यादा विकल्प नहीं होते, जिससे इस परीक्षा का महत्व बढ़ जाता है।

किन देशों में आप NEET के बिना पढ़ाई कर सकते हैं?

बिना NEET स्कोर के विदेश में MBBS करने के कई देशों में विकल्प मौजूद हैं। दुनिया के कई देशों में इस परीक्षा के स्कोर के बिना भी एडमिशन मिल जाता है। इन देशों की यूनिवर्सिटी में छात्रों को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा भी मुहैया कराई जाती है। रूस, फिलीपींस, किर्गिस्तान, चीन, कजाकिस्तान, ब्रिटेन, अमेरिका और कनाडा जैसे देशों में छात्र बिना NEET स्कोर के भी पढ़ाई कर सकते हैं। ब्रिटेन, अमेरिका और कनाडा को छोड़कर ज्यादातर देशों में MBBS की फीस काफी कम है। आइए जानते हैं ऐसे ही दो देशों के बारे में, जहां बिना NEET स्कोर के भी सस्ते में MBBS किया जा सकता है।

उज्बेकिस्तान: भारतीयों के बीच पढ़ाई के लिए उज्बेकिस्तान काफी लोकप्रिय हो रहा है। हाल ही में यहां की सरकार ने कहा कि विदेशी छात्रों में भारतीयों की संख्या सबसे ज्यादा है। उज्बेकिस्तान में एमबीबीएस प्रोग्राम छह साल का होता है, जिसमें इंटर्नशिप भी शामिल है। पूरी पढ़ाई अंग्रेजी में होती है। देश की प्रमुख यूनिवर्सिटीज में ताशकंद मेडिकल एकेडमी, बुखारा स्टेट मेडिकल इंस्टीट्यूट और अंदीजान स्टेट मेडिकल इंस्टीट्यूट शामिल हैं। यहां 20 से 30 लाख में एमबीबीएस की पढ़ाई की जा सकती है।

चीन: भारत के पड़ोसी देश चीन में हेल्थकेयर सेक्टर तेजी से बढ़ रहा है। चीनी विश्वविद्यालयों में एमबीबीएस करने के लिए भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के अलग-अलग हिस्सों से छात्र आते हैं। चीन के मेडिकल विश्वविद्यालय भी दुनिया के उन शीर्ष संस्थानों में शामिल हैं, जहां अंग्रेजी में एमबीबीएस किया जा सकता है। ज़ुझोउ मेडिकल यूनिवर्सिटी, अनहुई मेडिकल यूनिवर्सिटी और यंग्ज़हौ यूनिवर्सिटी देश के शीर्ष संस्थान हैं, जहां करीब 20 लाख रुपये में मेडिकल की डिग्री हासिल की जा सकती है।

NEET के बिना MBBS के लिए पात्रता मानदंड क्या है?

NEET स्कोर के बिना विदेश में MBBS की पढ़ाई करना इस बात पर निर्भर करता है कि आप कहां पढ़ना चाहते हैं। पात्रता मानदंड इस आधार पर तय किया जाता है कि आप किस विश्वविद्यालय और किस देश में प्रवेश ले रहे हैं। हालाँकि, प्रवेश के संबंध में कुछ शर्तें लगभग समान रहती हैं।

अंग्रेजी भाषा पर पकड़: विदेश में एमबीबीएस की पढ़ाई अंग्रेजी में होती है, जिसके कारण आपको इस भाषा पर अपनी पकड़ साबित करनी होगी। आपके पास IELTS या TOEFL परीक्षा स्कोर होना चाहिए। कुछ विश्वविद्यालयों में प्रवेश से पहले आपको एक टेस्ट भी देना पड़ सकता है।

शैक्षणिक योग्यता: आपको प्रवेश तभी मिलेगा जब आपने 12वीं कक्षा अच्छे अंकों से उत्तीर्ण की हो। आपके अंक जीवविज्ञान, रसायन विज्ञान और भौतिकी जैसे विषयों में जाँचे जाएँगे। कुछ विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए निर्धारित GPA की भी आवश्यकता होती है।

प्रवेश परीक्षा: आपको मेडिकल अध्ययन से संबंधित विषयों के बारे में अपने ज्ञान का परीक्षण करने वाली परीक्षाएँ देनी पड़ सकती हैं। उदाहरण के लिए, यूके में प्रवेश के लिए, आपको यूके क्लिनिकल एप्टीट्यूड टेस्ट (UKCAT) या बायोमेडिकल एडमिशन टेस्ट (BMAT) देना होगा।

वीज़ा की ज़रूरतें: एमबीबीएस में एडमिशन मिलने के बाद आपको उस देश की वीज़ा की ज़रूरतें पूरी करनी होंगी जहाँ आप पढ़ने जा रहे हैं। कई देशों में पढ़ाई करने के लिए आपको फंडिंग का स्रोत बताना पड़ सकता है। आपको मेडिकल इंश्योरेंस से लेकर स्वास्थ्य संबंधी जानकारी भी देनी पड़ सकती है।