राष्ट्रपति बनने के बाद डोनाल्ड ट्रंप भारत और चीन का दौरा कर सकते

Hero Image

अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के तौर पर डोनाल्ड ट्रंप का शपथ ग्रहण समारोह भव्य होने वाला है. इस बीच ट्रंप ने भी राष्ट्रपति पद की शपथ लेने से पहले अपने इरादे साफ कर दिए हैं. ट्रंप ने अपने कार्यकाल के दौरान विदेश नीति किस दिशा में जाएगी इसके स्पष्ट संकेत दे दिए हैं. ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि ट्रंप एशिया पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं.

 

ट्रंप भारत और चीन का दौरा करना चाहते हैं

डोनाल्ड ट्रंप की टीम का कहना है कि राष्ट्रपति बनने के बाद वह सबसे पहले भारत और चीन का दौरा करना चाहते हैं. ट्रम्प की भारत और चीन की प्रारंभिक यात्रा की योजना से स्पष्ट संकेत मिलता है कि ये दोनों देश उनकी विदेश नीति के एजेंडे में शीर्ष पर हैं। भारत और चीन दुनिया के सबसे बड़े बाजार हैं और ट्रंप इन बाजारों तक पहुंच को आसान बनाने के लिए विशेष रूप से इन दो बड़े एशियाई देशों पर नजर रख रहे हैं।

चीन के प्रति ट्रंप का रवैया बदला

डोनाल्ड ट्रंप बीजिंग के साथ रिश्ते सुधारने के लिए चीन का दौरा करना चाहते हैं, इसके अलावा उन्होंने सलाहकारों से भारत के संभावित दौरे पर भी चर्चा की है. इतना ही नहीं ट्रंप ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से फोन पर बात की है. ट्रंप ने शी के साथ चर्चा को बेहतरीन बताया. हालांकि, गौर करने वाली बात यह भी है कि अपने चुनाव प्रचार के दौरान ट्रंप ने चीन पर अतिरिक्त शुल्क लगाने की भी चेतावनी दी थी. अब ट्रंप के बदलते रुख से साफ संदेश जा रहा है कि वह चीन के साथ तनावपूर्ण रिश्ते चाहते हैं।

ट्रम्प को मित्रों की आवश्यकता क्यों है?

इतना ही नहीं ट्रंप ने संभावित भारत दौरे को लेकर अपने सलाहकारों से भी बात की है. यूरोप, नाटो और पड़ोसी देशों कनाडा और मैक्सिको पर भारत और चीन को प्राथमिकता देना भी एक बड़ा वैश्विक संदेश है। यह स्पष्ट है कि चीन और भारत के साथ संबंधों से अमेरिकी व्यापार को बढ़ावा मिल सकता है। ट्रंप एक बड़े कारोबारी भी हैं, इसलिए वह अच्छी तरह जानते हैं कि व्यापार के बिना अर्थव्यवस्था आगे नहीं बढ़ सकती. यही वजह है कि ट्रंप का ध्यान भारत और चीन पर है.

गौरतलब है कि डोनाल्ड ट्रंप ने शपथ लेने से पहले ही समस्याओं के समाधान के लिए काम शुरू कर दिया है. ट्रंप कीमतों में कटौती जैसे घरेलू मुद्दों पर भी गंभीरता से विचार कर रहे हैं. शपथ ग्रहण समारोह के लिए 100 खास मेहमानों की सूची से भी यह जाहिर होता है. इन मेहमानों में मुकेश अंबानी और उनकी पत्नी नीता अंबानी समेत कई देशों के बड़े उद्योगपति शामिल हैं। विदेश नीति के मोर्चे पर ट्रंप प्रशासन जिस तरह से आगे बढ़ रहा है, वह उसे पिछली सरकारों की नीतियों से अलग करता है।