षटतिला एकादशी 2025: ग्यारह बजे बनेगा अत्यंत दुर्लभ संयोग, एक साथ दो शुभ योग
सनातन धर्म के लोगों के लिए भगवान विष्णु को समर्पित षटतिला एकादशी व्रत का विशेष महत्व है, इस दिन भक्त लक्ष्मी-नारायण जी की पूजा करते हैं और विशेष फल प्राप्त करते हैं। वैदिक पंचांग के अनुसार, षटतिला एकादशी हर साल माघ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है, जो इस बार 26 जनवरी को है।
षटतिला एकादशी का दिन बेहद खास है, क्योंकि इस दिन दो दुर्लभ योग बन रहे हैं, जिसका सीधा असर 12 राशियों के जीवन पर पड़ेगा। आइए जानते हैं एकादशी तिथि पर कौन से योग बन रहे हैं और किन तीन राशियों पर इसका शुभ प्रभाव पड़ेगा।
एकादशी पर कौन सा योग बनेगा?
वैदिक पंचांग गणना के अनुसार षटतिला एकादशी के दिन ध्रुव योग और व्याघात योग का दुर्लभ संयोग बन रहा है। ध्रुव योग 25 जनवरी 2025 को प्रातः 5:08 बजे से 26 जनवरी 2025 को प्रातः 4:37 बजे तक रहेगा। ध्रुव योग के समाप्त होते ही व्याघात योग प्रारम्भ हो जायेगा। व्याघात योग 26 जनवरी 2025 को प्रातः 04:37 बजे से 27 जनवरी 2025 को प्रातः 03:33 बजे तक रहेगा।
एआरआईएस
षटतिला एकादशी पर बनने वाले ध्रुव और व्याघात योग का मेष राशि वालों पर शुभ प्रभाव पड़ेगा। व्यापारियों को किसी पुराने कर्ज से राहत मिल सकती है। जो लोग लंबे समय से नौकरी की तलाश में हैं उनकी तलाश जनवरी के अंत से पहले पूरी हो सकती है। शादीशुदा लोगों और उनके पार्टनर के बीच चल रही अनबन खत्म होगी।
कैंसर
कर्क राशि वाले लोगों पर ध्रुव और व्याघात योग का शुभ प्रभाव रहेगा। विद्यार्थियों की बुद्धि का विकास होगा। प्रेम जीवन में चल रही परेशानियां दूर होंगी, नौकरीपेशा जातकों को यदि कोई दुविधा है तो जल्द ही समाधान मिलेगा। पुराने निवेश से फायदा हो सकता है।
मकर
मेष और कर्क राशि के अलावा मकर राशि के जातकों पर भी ध्रुव और व्याप्त योग का लाभकारी प्रभाव रहेगा। कार्यस्थल पर सहकर्मियों और वरिष्ठों के साथ तालमेल मजबूत होगा। नये प्रोजेक्ट की सफलता से व्यापारियों का मुनाफा बढ़ेगा। अनावश्यक खर्च कम होने से दुकानदारों का आर्थिक पक्ष मजबूत होगा।