डोनाल्ड ट्रंप का ऐतिहासिक शपथ ग्रहण, अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में वापसी

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डोनाल्ड ट्रंप सोमवार को भारतीय समयानुसार रात 10:30 बजे संयुक्त राज्य अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेंगे। अमेरिकी इतिहास में यह दूसरी बार होगा जब किसी राष्ट्रपति ने दोबारा हारने के बाद सत्ता में वापसी की है। कड़ाके की ठंड के कारण शपथ ग्रहण समारोह को कैपिटल की सीढ़ियों से हटाकर रोटुंडा में आयोजित किया जाएगा। रोटुंडा एक बड़ा, गुंबददार कमरा है जो कैपिटल बिल्डिंग के केंद्र में स्थित है।

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि: ग्रोवर क्लीवलैंड और ट्रंप की समानता

डोनाल्ड ट्रंप अमेरिकी लोकतंत्र के 230 से अधिक वर्षों के इतिहास में ग्रोवर क्लीवलैंड के बाद ऐसे दूसरे राष्ट्रपति हैं जिन्होंने चुनाव हारने के बाद फिर से पद ग्रहण किया है। ग्रोवर क्लीवलैंड 1880 और 1890 के दशक में 22वें और 24वें राष्ट्रपति के रूप में पदस्थ रहे थे।

2021 में ट्रंप ने राष्ट्रपति जो बाइडन के शपथ ग्रहण समारोह से दूरी बनाई थी और 2020 के चुनाव परिणामों को गलत ठहराते हुए कहा था कि चुनाव उनसे “चोरी” किए गए थे। 150 वर्षों में यह पहली बार हुआ था कि किसी पूर्व राष्ट्रपति ने सत्ता के औपचारिक हस्तांतरण का बहिष्कार किया था।

शपथ ग्रहण समारोह का स्थान और महत्व

सुरक्षा कारणों और मौसम की परिस्थितियों के चलते समारोह रोटुंडा में आयोजित होगा। यहां ट्रंप अपना उद्घाटन भाषण देंगे। यह वही स्थान है, जहां 2020 के चुनाव के बाद दंगाइयों ने कैपिटल पर हमला किया था। समारोह के दौरान डोनाल्ड ट्रंप लिंकन बाइबल और अपनी पारिवारिक बाइबल पर हाथ रखकर शपथ लेंगे। अमेरिकी संविधान के अनुसार, शपथ ग्रहण समारोह एक अनिवार्य परंपरा है।

शपथ का पाठ:
“मैं सत्यनिष्ठा से शपथ लेता हूं कि मैं संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति के पद का निष्ठापूर्वक निर्वहन करूंगा, तथा अपनी पूरी क्षमता से संयुक्त राज्य अमेरिका के संविधान का संरक्षण, सुरक्षा और बचाव करूंगा।”

कौन-कौन होगा समारोह में शामिल?

डोनाल्ड ट्रंप ने परंपरा तोड़ते हुए कई विदेशी नेताओं को इस समारोह में आमंत्रित किया है।

  • भारतीय प्रतिनिधित्व: भारत की ओर से विदेश मंत्री एस. जयशंकर शामिल होंगे। यह कदम भारत और अमेरिका के संबंधों को और मजबूत करने का प्रतीक माना जा रहा है। पीएम मोदी और ट्रंप के बीच 2017 से 2021 के दौरान सौहार्दपूर्ण संबंध थे।
  • रिलायंस प्रमुख: मुकेश अंबानी और उनकी पत्नी नीता अंबानी को भी आमंत्रित किया गया है। उन्होंने वाशिंगटन में आयोजित पूर्व-समारोह में ट्रंप से मुलाकात की।
  • तकनीकी और खेल जगत की भागीदारी: Meta के सीईओ मार्क जुकरबर्ग एक ब्लैक-टाई रिसेप्शन की मेजबानी करेंगे, और UFC के स्टार्स की उपस्थिति की भी संभावना है।
  • सुरक्षा और आयोजन की व्यवस्था

    शपथ ग्रहण समारोह की सुरक्षा का जिम्मा संयुक्त राज्य सीक्रेट सर्विस को सौंपा गया है। हालांकि, इस बार व्यक्तिगत रूप से आने वाले मेहमानों की संख्या सीमित रहेगी। रोटुंडा में केवल 600 लोग ही उपस्थित हो सकते हैं।

    ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म “ट्रुथ सोशल” पर बताया कि डीसी के कैपिटल वन एरिना को 20,000 दर्शकों के लिए लाइव प्रदर्शन और राष्ट्रपति परेड के लिए खोला जाएगा।

    परेड और अन्य कार्यक्रम

    शपथ ग्रहण के बाद कैपिटल से व्हाइट हाउस तक पारंपरिक परेड आयोजित की जाएगी। इसमें सैन्य रेजिमेंट, नागरिक समूह और मार्चिंग बैंड शामिल होंगे। ट्रंप ने यह भी घोषणा की कि वह कैपिटल वन एरिना में परेड के बाद मौजूद भीड़ को संबोधित करेंगे।

    ट्रंप का ऐतिहासिक भाषण और बाइबल का महत्व

    ट्रंप का उद्घाटन भाषण उनके राजनीतिक दृष्टिकोण और भविष्य के एजेंडे को स्पष्ट करेगा। शपथ ग्रहण के दौरान वे 1861 में अब्राहम लिंकन द्वारा इस्तेमाल की गई लिंकन बाइबल और अपनी पारिवारिक बाइबल का उपयोग करेंगे।

    बाइबल परंपरा का इतिहास:

    • जॉर्ज वाशिंगटन ने सबसे पहले बाइबल पर हाथ रखकर शपथ ली थी।
    • अधिकांश राष्ट्रपति एक विशेष पारिवारिक बाइबल का उपयोग करते हैं।