माणिक्य रत्न: कब, किसे और कैसे धारण करें

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रत्न शास्त्र के अनुसार, कुंडली में ग्रहों की स्थिति और राशि के आधार पर रत्नों को धारण करना आवश्यक है। माणिक्य, जो सूर्य ग्रह से संबंधित लाल रंग का रत्न है, आत्मविश्वास में वृद्धि और तरक्की का प्रतीक माना जाता है। आइए जानते हैं माणिक्य रत्न को किसे, कब और किस विधि से धारण करना चाहिए।

माणिक्य कब धारण करें

माणिक्य रत्न को धारण करने का सबसे शुभ दिन रविवार माना जाता है। इस दिन इसे धारण करने से पहले रत्न की शुद्धि करना आवश्यक है।

माणिक्य कैसे धारण करें
  • शुद्धि की प्रक्रिया: माणिक्य रत्न को गंगाजल और कच्चे दूध से शुद्ध करना चाहिए।
  • अंगूठी का चुनाव: इसे तांबे या सोने की अंगूठी में जड़वा कर धारण किया जा सकता है।
  • धारण की विधि: माणिक्य रत्न को अनामिका अंगुली में धारण करना चाहिए। इसे सूर्योदय के समय स्नान करने के बाद पहनना शुभ रहता है।
  • वजन: 6 से 7 रत्ती वाला माणिक्य रत्न धारण करना बेहतर माना जाता है।
  • माणिक्य किसे पहनना चाहिए

    ज्योतिष के अनुसार, माणिक्य रत्न को सूर्य ग्रह से जोड़ा जाता है। यह विशेष रूप से मेष, सिंह और धनु राशि के जातकों के लिए लाभदायक होता है। यदि आपकी कुंडली के ग्यारहवें, नवम, धन, दशम, एकादश, या पंचम भाव में सूर्य उच्च स्थिति में है, तो आप माणिक्य धारण कर सकते हैं।

    माणिक्य किसे नहीं पहनना चाहिए

    यदि आपकी राशि तुला, कन्या, मिथुन, मकर या कुंभ है, तो आपको माणिक्य धारण करने से बचना चाहिए। इसके अलावा, यदि आपकी कुंडली में सूर्य नीच स्थिति में है, तो भी माणिक्य पहनना उचित नहीं है।

    रुचि रखने वालों को सलाह दी जाती है कि वे अपने ग्रहों की स्थिति को ध्यान में रखते हुए एस्ट्रोलॉजर की सलाह लें और उसके अनुसार ही रत्न धारण करें।