माघ गुप्त नवरात्रि: पूजा विधि और महत्वपूर्ण जानकारी
माघ शुक्ल पक्ष की पहली तिथि से नवमी तिथि तक गुप्त नवरात्र का पूजन विशेष मनोकामनाओं की सिद्धि के लिए किया जाता है। यह नवरात्रि कम ही लोगों द्वारा मनाई जाती है, लेकिन उत्तर भारत के हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड, और बंगाल जैसे प्रदेशों में मां भगवती की पूजा का विशेष महत्व है। इस दौरान नौ दुर्गाओं और दस महाविद्याओं की पूजा की जाती है। साधक इस नवरात्रि में मां दुर्गा, काली, लक्ष्मी, सरस्वती, गायत्री, पार्वती, सीता, राधा और गंगा की पूजा करते हैं। साधना के दौरान, साधक मंत्रों का जाप, तप, और ध्यान करते हैं, जिससे जीवन में आ रही बाधाओं का नाश होता है।
गुप्त नवरात्र कब से कब तक स्नान: सुबह उठकर जल से स्नान करें। शुद्धि: पूजा स्थान पर गंगाजल डालकर उसकी शुद्धि करें। दीप प्रज्वलित करें: घर के मंदिर में दीप जलाएं। अभिषेक: मां दुर्गा का गंगाजल से अभिषेक करें।
इस साल माघ महीने की गुप्त नवरात्रि 30 जनवरी, 2025 से शुरू होकर 7 फरवरी, 2025 तक चलेगी।
घटस्थापना का मुहूर्त- सुबह: 9:25 से 10:46 बजे तक
- दोपहर: 12:13 से 12:56 बजे तक
- लाल चुनरी
- लाल वस्त्र
- मौली
- श्रृंगार का सामान
- दीपक
- घी/तेल
- धूप
- नारियल
- साफ चावल
- कुमकुम
- फूल
- देवी की प्रतिमा या फोटो
माघ गुप्त नवरात्रि का यह अनुष्ठान भक्तों के लिए आशीर्वाद और समृद्धि का एक विशेष अवसर है।
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