घरेलू कलह से छुटकारा पाने के लिए रविवार को करें ये रामबाण उपाय
ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: हिंदू धर्म में सप्ताह का हर दिन किसी न किसी देवी देवता को समर्पित होता है वही रविवार का दिन भगवान सूर्यदेव की पूजा को समर्पित होता है इस दिन भक्त भगवान श्री सूर्यदेव की विधिवत पूजा करते हैं और दिनभर उपवास भी रखते हैं लेकिन इसी के साथ ही अगर इस दिन पूजा पाठ के दौरान आदित्य स्तोत्र का पाठ श्रद्धा भाव से किया जाए तो घरेलू कलह से राहत मिलती है और परिवार में एकता व प्रेम बना रहता है।
आदित्य स्तोत्र
हंसाय भुवनध्वान्तध्वंसायाऽमिततेजसे।
हंसवाहनरूपाय भास्कराय नमो नमः॥१॥
वेदान्ताय पतङ्गाय विहंगारूढमूर्तये।
हरिद्वर्णतुरंगाय भास्कराय नमो नमः॥२॥
भुवनत्रयदीपाय भुक्तिमुक्तिप्रदाय च।
भक्तदारिद्र्यनाशाय भास्कराय नमो नमः॥३॥
लोकालोकप्रकाशाय सर्वलोकैकचक्षुषे।
लोकोत्तरचरित्राय भास्कराय नमो नमः॥४॥
सर्वलोकप्रकाशाय सप्तसप्तिरथाय च ।
मार्ताण्डाय द्युमणये भानवे चित्रभानवे।
प्रभाकराय मित्राय भास्कराय नमो नमः॥६॥
नमस्ते ब्रह्मरूपाय नमस्ते विष्णुरूपिणे।
नमस्ते रुद्ररूपाय भास्कराय नमो नमः॥७॥
सर्वज्ञानस्वरूपाय सहस्रकिरणाय च।
गीर्वाणभीतिनाशाय भास्कराय नमो नमः।॥८॥
सर्वदुःखोपशान्ताय सर्वपापहराय च।
सर्वव्याधिविनाशाय भास्कराय नमो नमः।॥९॥
सहस्रपत्रनेत्राय सहस्राक्षस्तुताय च।
सहस्रनामधेयाय भास्कराय नमो नमः।॥१०॥
नित्याय निरवद्याय निर्मलज्ञानमूर्तये।
निगमार्थप्रकाशाय भास्कराय नमो नमः।॥११॥
आदिमध्यान्तशून्याय वेदवेदान्तवेदिने।
नादबिन्दुस्वरूपाय भास्कराय नमो नमः॥१२॥
निर्मलज्ञानरूपाय रम्यतेजःस्वरूपिणे।
ब्रह्मतेजस्वरूपाय भास्कराय नमो नमः॥१३॥
नीतिज्ञानाय नित्याय निर्मलज्ञानमूर्तये
कष्टव्याधिविनाशाय दुष्टव्याधिहराय च।
इष्टार्थदायिने तस्मै भास्कराय नमो नमः।॥१५॥
भवरोगैकवैद्याय सर्वरोगापहारिणे।
एकनेत्रस्वरूपाय भास्कराय नमो नमः।॥१६॥
दारिद्र्यदोषनाशाय घोरपापहराय च।
हिरण्यवर्णदेहाय भास्कराय नमो नमः।॥१७॥
सर्वसंपद्प्रदात्रे च सर्वदुःखविनाशिने।
सर्वोपद्रवनाशाय भास्कराय नमो नमः।॥१८॥
नमो धर्मनिदानाय नमस्सुकृतसाक्षिणे।
नमः प्रत्यक्षरूपाय भास्कराय नमो नमः।॥१९॥
सर्वलोकैकपूर्णाय कलिकर्माघहारिणे।
नमः पुण्यस्वरूपाय भास्कराय नमो नमः।॥२०॥
द्वन्द्वव्याधिविनाशाय सर्वदुःखविनाशिने।
नमस्तापत्रयघ्नाय भास्कराय नमो नमः।॥२१॥
कालरूपाय कल्याणमूर्तये कारणाय च।
वेद्याय भयसंहर्त्रे भास्कराय नमो नमः।॥२२॥
इति श्री आदित्य स्तोत्र ||