बढ़ता बजन अगर आपको भी कर देता है तनावग्रस्त,तो इन तरीकों से खुदको करें मोटीवेट

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लाइफस्टाइल न्यूज़ डेस्क - अधिक वजन या मोटापे की स्थिति कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं का मुख्य कारण मानी जाती है, अगर समय पर इस पर ध्यान न दिया जाए तो इससे रक्तचाप, मधुमेह और कई अन्य प्रकार की पुरानी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। हमारी जीवनशैली और आहार में कई तरह की गड़बड़ी समय के साथ वजन बढ़ने का कारण बन सकती है। क्या आप भी बढ़ते वजन की समस्या से परेशान हैं? क्या यह तनाव-चिंता के कारण है? स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि सभी लोगों के लिए जरूरी है कि वे वजन नियंत्रित करने के उपाय करते रहें। इसके लिए जरूरी है कि आप उन कारकों के बारे में जानें जो अतिरिक्त वजन का कारण बन सकते हैं।

तनाव के कारण तनाव की समस्या
अध्ययनों से संकेत मिलता है कि यदि आप अत्यधिक तनाव लेते हैं तो यह स्थिति आपका वजन बढ़ने का कारण बन सकती है। दरअसल, जब हम तनाव की स्थिति में होते हैं, तो शरीर में कॉर्टिसोल हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है, जिससे आपको अधिक खाने की इच्छा होती है, नींद में खलल पड़ता है और मेटाबॉलिज्म दर पर भी असर पड़ सकता है, जिससे पेट और शरीर में चर्बी बढ़ने लगती है। समग्र वजन बढ़ने का जोखिम है।

अगर परिवार में मोटापे की समस्या है तो सावधान हो जाएं
जेनेटिक्स यानी पारिवारिक इतिहास को मोटापे का एक बड़ा कारण माना जाता है, यानी अगर आपके परिवार में कोई पहले से ही इस समस्या का शिकार है तो संभावना काफी बढ़ जाती है कि आप भी इसके शिकार हो सकते हैं। आपको अपने माता-पिता से विरासत में मिले जीन आपके शरीर में वसा की मात्रा बढ़ाने में भूमिका निभा सकते हैं। ऐसे लोगों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है।

कुछ प्रकार की औषधियाँ भी कारक हैं
जीवनशैली और खान-पान में गड़बड़ी के अलावा कुछ खास तरह की दवाओं के सेवन से भी आपका वजन अधिक होने का खतरा रहता है। यदि आप एंटीडिप्रेसेंट, स्टेरॉयड, एंटी-सीज़र दवाएं, मधुमेह की दवाएं या बीटा-ब्लॉकर्स लेते हैं, तो आपको साइड-इफेक्ट के रूप में वजन बढ़ने की समस्या हो सकती है। अगर आप इन दवाओं का सेवन कर रहे हैं तो डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

इन बीमारियों में भी खतरा बढ़ जाता है


अगर आप किसी प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं तो ये स्थितियाँ आपके वजन बढ़ने का कारण भी बन सकती हैं। उदाहरण के लिए, गठिया से पीड़ित लोगों की सक्रियता स्वाभाविक रूप से कम हो जाती है, जिससे उनमें मोटापे का खतरा काफी बढ़ सकता है। यहां यह भी ध्यान देने योग्य बात है कि मोटापे का बढ़ना गठिया की जटिलताओं को और बढ़ाने वाला माना जाता है।