संभल में ASI की टीम ने किया कल्कि विष्णु मंदिर और कूप का सर्वे, जानें दूसरे दिन क्या-क्या मिला?
सर्वे ऑफ इंडिया (एएसआई) की टीम अगले दिन फिर संभल जिले के सदर कोतवाली क्षेत्र में पहुंची। इस दौरान टीम ने मोहल्ला कोट स्थित प्राचीन कल्कि विष्णु मंदिर का सर्वेक्षण किया। सबसे पहले मंदिर के कुएं का सर्वेक्षण किया गया। इसके बाद टीम मंदिर के गर्भगृह में पहुंची। यहां टीम ने भगवान कल्कि की मूर्ति की वीडियोग्राफी का कार्य किया। पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, संभल के एसडीएम वंदन मिश्रा ने इस मामले की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि टीम ने यह पता लगाने के लिए कुएं का सर्वेक्षण किया है कि यह कितना पुराना है।
15-20 मिनट का परीक्षण
टीम ने लगभग 15 से 20 मिनट तक मंदिर का निरीक्षण किया। इसके बाद अधिकारी यहां से लौट गए। सूत्रों के अनुसार, संभल में पुरातत्व विभाग की टीम 5 तीर्थ स्थलों और 19 कुओं का निरीक्षण करने में जुटी है। इस प्रक्रिया के तहत संभल स्थित कल्कि मंदिर का सर्वेक्षण किया गया है। टीम ने शुक्रवार को भी मंदिर का सर्वेक्षण किया। लेकिन मीडिया को इसकी जानकारी नहीं दी गई। यह सर्वेक्षण लगातार दूसरे दिन शनिवार को भी आयोजित किया गया।
संभल के ऐतिहासिक एवं पुरातात्विक स्थलों का सही आकलन करने के लिए एएसआई ने अपने स्तर पर सर्वेक्षण शुरू कर दिया है। इससे पहले शुक्रवार को चार लोगों की टीम ने 5 तीर्थ स्थलों का बारीकी से निरीक्षण किया था। सूत्रों के अनुसार, एएसआई द्वारा रिपोर्ट जल्द ही जारी की जाएगी। तभी पता चलेगा कि कितने ऐतिहासिक स्थलों को मरम्मत और पुनर्निर्माण की जरूरत है? कितनी विरासत संरक्षित की जा सकती है?
मंदिर के पुजारी महेंद्र प्रसाद शर्मा ने कहा कि यह अच्छी बात है कि सर्वे के लिए सर्वेक्षण टीम आई। यहाँ एक 'कृषि कुआँ' (कुआँ) पाया गया है। हालांकि इसे बंद नहीं किया गया था, लेकिन इसमें पानी नहीं मिला। इस कुएं का उल्लेख इतिहास में भी मिलता है। संभल के सभी तीर्थ स्थलों के साथ इसका उल्लेख 'स्कंद पुराण' में भी मिलता है।
चंदौसी में खुदाई शुरू
वहीं, संभल के चंदौसी में प्राचीन बाबली कुएं की खुदाई शुरू हो गई है। जिला प्रशासन ने दो जेसीबी मशीनें लगाकर खुदाई का काम शुरू कर दिया है। खुदाई के दौरान जमीन के नीचे एक प्राचीन इमारत मिली है। ऐसा अनुमान है कि सुरंग के साथ एक प्राचीन तहखाना भी मौजूद है।