क्या है BH Number Plate लगाने के फायदे और नुकसान? किन लोगों को मिलती है ये सुविधा, कैसे करें इसके लिए अप्लाई?

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यूटिलिटी न्यूज डेस्क !! अगर किसी भी राज्य की कोई कार सड़कों पर निकलती है तो आप उसके शुरुआती अंक से जान लेते हैं कि वह कार किस राज्य की है। उदाहरण के तौर पर अगर गाड़ी का शुरुआती अंक DL है तो गाड़ी दिल्ली की है. एमपी है तो कार मध्य प्रदेश की है. पहले दो अंक उस राज्य के लिए हैं जहां का वाहन है।लेकिन अब भारत में BH नंबर वाली नेम प्लेट भी उपलब्ध है. यह आपकी सड़क पर चलने वाली कई गाड़ियों में भी दिख जाएगा. बीएच नंबर प्लेट लगाने के क्या फायदे हैं? क्या होती है की पूरी प्रक्रिया। आइए हम आपको बताते हैं.

बीएच नंबर प्लेट केवल चुनिंदा लोगों को ही मिलती है। हर कोई इसके लिए आवेदन नहीं कर सकता. आपको बता दें कि बीएच नंबर प्लेट के लिए केवल राज्य सरकार और केंद्र सरकार के कर्मचारी ही आवेदन कर सकते हैं। इसके अलावा रक्षा क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारी भी इसके लिए आवेदन कर सकते हैं। बैंक कर्मचारी भी बीएच नंबर प्लेट प्राप्त कर सकते हैं। प्रशासनिक सेवाओं से जुड़े कर्मचारी भी इसके लिए आवेदन कर सकते हैं। चार से अधिक राज्यों या केंद्र शासित प्रदेशों में कार्यालय रखने वाली निजी फर्मों के कर्मचारी भी इसके लिए आवेदन कर सकते हैं।

BH नंबर प्लेट उन लोगों के लिए सबसे ज्यादा फायदेमंद है। जिन लोगों को अपनी नौकरी के कारण लगातार यात्रा करनी पड़ती है। एक शहर से दूसरे शहर में शिफ्ट होना पड़ता है. ऐसे लोगों को बीएच नंबर लेने से फायदा होता है। दूसरे राज्य में जाने पर उन्हें वाहन का दोबारा पंजीकरण नहीं कराना होगा। क्योंकि BH नंबर प्लेट पूरे भारत के लिए मान्य है। ताकि इस कार को भारत में कहीं भी ले जाया जा सके। इसका एकमात्र नुकसान यह है कि यह सभी लोगों के लिए उपलब्ध नहीं है। यहां तक कि ट्रांसपोर्ट वाहन भी इसका स्तेमाल नहीं कर सकते.

BH नंबर प्लेट पाने के लिए सबसे पहले MoRTH के वाहन पोर्टल पर लॉगइन करना होगा। इसके बाद फॉर्म 20 भरना होगा. वही प्राइवेट फॉर्म के कर्मचारियों को फॉर्म 16 भरना होगा। आपको अपने कार्य प्रमाणपत्र के साथ कर्मचारी आईडी भी देनी होगी। इसके बाद राज्य प्राधिकरण मलिक की योग्यता का सत्यापन करेगा. इसके बाद आपको सीरीज टाइप में से बीएच का चयन करना होगा। इसके बाद दस्तावेज जमा करने होंगे. आरटीओ कार्यालय से बीएच सीरीज की मंजूरी के बाद आपको शुल्क का भुगतान करना होगा। इसके बाद आपके वाहन के लिए बीएच सीरीज नंबर जनरेट हो जाएगा।