प्रकृति,पक्षियों,शेर चीतों से करना है आमना सामना तो बना लें राजस्थान के रणथंभौर का प्लान,वीडियो में जाने यहाँ घूमने का सही समय
ट्रेवल न्यूज़ डेस्क,राजस्थान में कई नेशनल पार्क हैं और हर एक की अपनी एक अलग खासियत है। लेकिन रणथंभौर नेशनल पार्क भारत के सबसे पुराने टाइगर रिजर्व में से एक है। यह 1973 में प्रोजेक्ट टाइगर का हिस्सा बन गया। यदि आप रणथंभौर में करने के लिए सबसे अच्छी चीजों की तलाश कर रहे हैं, तो आप सही जगह पर आई हैं। रणथंभौर नेशनल पार्क राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले में जयपुर से लगभग 190 किमी दूर स्थित है। कभी यह स्थान जयपुर के महाराजाओं के लिए शिकार करने की एक जगह था।लेकिन रणथंभौर नेशनल पार्क को 1955 में सवाई माधोपुर गेम सैन्चुरी बनाया गया। इसे 1973 में टाइगर रिजर्व घोषित किया गया था और बाद में 1980 में नेशनल पार्क के रूप में अपग्रेड किया गया। इसका नाम प्राचीन रणथंभौर किले से लिया गया है जो नेशनल पार्क की सीमाओं के भीतर स्थित है। अगर आप इस नेशनल पार्क में घूमने के लिए जा रही हैं तो कई बेहतरीन चीजों का आनंद ले सकती हैं। तो चलिए जानते हैं इस बारे में-
टाइगर को करें स्पॉट
रणथंभौर नेशनल पार्क में बाघों की एक बड़ी आबादी है। हालांकि, उनमें से अधिकांश पर्यटकों की चकाचौंध से दूर रहते हैं क्योंकि वे अपने क्षेत्र से लगभग कभी बाहर नहीं निकलते हैं। तो ऐसे में आप उन बाघों को अवश्य स्पॉट कर सकती हैं, जिनका क्षेत्र सफारी राइडके बीच ही है। रणथंभौर नेशनल पार्क में होते हुए बाघों को देखना यकीनन एक अद्भुत अनुभव है। खासतौर से, जब वह अपने प्राकृतिक आवास में घूम रहे होते हैं।
वन्य जीवन की विविधता का लें आनंद
इस नेशनल पार्क में आपको सिर्फ बाघ देखने का ही मौका नही मिलेगा, बल्कि यहां पर वन्य जीवन की एक शानदार विविधता देखने को मिलती है। यहां पर मैमल्स की 40 से अधिक प्रजातियां पाई जाती है। नेशनल पार्क में कई प्रकार के पक्षी और सरीसृप हैं।बाघ के अलावा, रणथंभौर नेशनल पार्क में आपको शिकारी तेंदुआ, लकड़बग्घा, सियार और जंगली बिल्ली हैं। वहीं, सबसे अधिक देखे जाने वाले स्तनधारी में चीतल, सांभर हिरण, जंगली सूअर, नीलगाय और ग्रे लंगूर आदि शामिल हैं।
पदम झील की खूबसूरती निहारें
पदम झील रणथंभौर नेशनल पार्क की सबसे बड़ी झील है। जोन 3 में प्रवेश करते ही यह विशाल झील आपका ध्यान खींच लेती है। सुंदर ढंग से बनाया गया जोगी महल भी झील के किनारे स्थित है। यह पहले जयपुर के राजघरानों के लिए एक शिकार लॉज था।इस क्षेत्र में जानवरों और पक्षियों का अक्सर आना-जाना लगा रहता है। इसलिए, अधिकांश सफारी जीप झील के पास रुकती हैं। वन्य जीवन को देखने के अलावा, आप प्राकृतिक परिवेश के मनोरम दृश्यों का आनंद ले सकती हैं।
त्रिनेत्र गणेश मंदिर जाएं
त्रिनेत्र गणेश मंदिर रणथंभौर किले के अंदर स्थित है। इसे 700 साल से भी पहले राजा हम्मीर देव चौहान ने बनवाया था। यह एक लोकप्रिय मंदिर है, जहां पर स्थानीय लोग और पर्यटक अवश्य जाते हैं। मंदिर के देवता को त्रिनेत्र गणेश कहा जाता है क्योंकि मूर्ति की तीन आंखें हैं। इस मंदिर तक पहुंचने के लिए आपको सीढ़ियों से पहाड़ी पर चढ़ना होगा।
रणथंभौर किले की सैर करें