आज का पंचांग 23 दिसंबर 2024 सोमवार को करने जा रहे हैं कोई शुभ काम तो यहां देखिए

Hero Image

ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: पंचांग ज्योतिष के पांच अंगों का मेल हैं प्राचीन काल से ही पंचांग को विशेष माना गया हैं इसकी मदद से हम दिन की हर बेला के शुभ और अशुभ समय का पता लगाते हैं उसके आधार पर हम अपने शुभ कार्यों को इंगित करते हैं।

अगर आप सोमवार को कोई शुभ काम करना चाहते हैं तो यहां जान लें शुभ मुहूर्त और अशुभ मुहूर्त। सोमवार के दिन बन रहे शुभ योग कुछ लोगों के लिए भाग्यशाली रहने वाले हैं और कुछ को समस्याओं का सामना करना पड़ सकता हैं। 

दिसम्बर 23 सोमवार को राहु 08:28 AM से 09:47 AM तक है | चन्द्रमा कन्या राशि पर संचार करेगा |

विक्रम संवत - 2081, पिंगल
शक सम्वत - 1946, क्रोधी
पूर्णिमांत - पौष
अमांत - मार्गशीर्ष
तिथि
कृष्ण पक्ष अष्टमी   - Dec 22 02:32 PM – Dec 23 05:08 PM
कृष्ण पक्ष नवमी   - Dec 23 05:08 PM – Dec 24 07:52 PM
नक्षत्र
उत्तर फाल्गुनी - Dec 22 06:14 AM – Dec 23 09:09 AM
हस्त - Dec 23 09:09 AM – Dec 24 12:17 PM

करण
कौलव - Dec 23 03:48 AM – Dec 23 05:08 PM
तैतिल - Dec 23 05:08 PM – Dec 24 06:30 AM
गर - Dec 24 06:30 AM – Dec 24 07:52 PM
योग
सौभाग्य - Dec 22 07:00 PM – Dec 23 07:54 PM
शोभन - Dec 23 07:54 PM – Dec 24 08:53 PM
वार
सोमवार
सूर्य और चंद्रमा का समय
सूर्योदय - 7:09 AM
सूर्यास्त - 5:43 PM
चन्द्रोदय - Dec 23 12:19 AM
चन्द्रास्त - Dec 23 12:33 PM
अशुभ काल
राहू - 8:28 AM – 9:47 AM
यम गण्ड - 11:06 AM – 12:26 PM

कुलिक - 1:45 PM – 3:04 PM
दुर्मुहूर्त - 12:47 PM – 01:29 PM, 02:53 PM – 03:36 PM
वर्ज्यम् - 06:39 PM – 08:28 PM
शुभ काल
अभिजीत मुहूर्त - 12:04 PM – 12:47 PM
अमृत काल - 05:29 AM – 07:17 AM
ब्रह्म मुहूर्त - 05:33 AM – 06:21 AM
आनन्दादि योग
श्रीवत्स Upto - 09:09 AM
वज्र
सूर्या राशि
सूर्य धनु राशि पर है
चंद्र राशि
चन्द्रमा कन्या राशि पर संचार करेगा (पूरा दिन-रात)
चन्द्र मास
अमांत - मार्गशीर्ष
पूर्णिमांत - पौष
शक संवत (राष्ट्रीय कलैण्डर) - पौष 2, 1946
वैदिक ऋतु - हेमंत
द्रिक ऋतु - शिशिर
Auspicious Yogas
त्रिपुष्कर योग - Dec 22 06:14 AM - Dec 22 02:32 PM (Uttara Phalguni, Saturday and KrishnaSaptami)
सर्वार्थसिद्धि योग - Dec 22 07:08 AM - Dec 23 07:09 AM (Uttara Phalguni and Sunday)
Chandrashtama
1. Dhanishta Last 2 padam, Shatabhisha , Purva Bhadrapada First 3 padam