23 लाख की धोखाधड़ी मामले पर आया रॉबिन उथप्पा ने दी सफाई, जानें अरेस्ट वारंट पर क्या-क्या बोल गया क्रिकेटर

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क्रिकेट न्यूज़ डेस्क ।। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व खिलाड़ी रॉबिन उथप्पा से जुड़े विवाद में अब नया मोड़ आ गया है। उथप्पा का नाम 23 लाख रुपये की धोखाधड़ी के मामले में आया है, जिसके चलते उनके नाम गिरफ्तारी वारंट भी जारी किया गया है। अब उथप्पा ने इस मामले पर अपना पक्ष रखा है। उथप्पा ने सोशल मीडिया पर अपना बयान जारी किया, जिसमें उन्होंने कहा कि इस धोखाधड़ी मामले में उनकी कोई संलिप्तता नहीं है। इतना ही नहीं, उन्होंने कहा कि उनका अपना पैसा भी फंस गया है।

आपको बता दें कि रॉबिन उथप्पा के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट की खबर 21 दिसंबर को मीडिया में आई थी। उथप्पा के खिलाफ यह वारंट ईपीएफओ कमिश्नर सदाक्षरी गोपाल रेड्डी ने जारी किया है। इस वारंट के आधार पर पुलकेश्नगर पुलिस को तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। यह पूरा मामला सेंचुरीज़ लाइफस्टाइल ब्रांड्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी से जुड़ा है। इस कंपनी के कर्मचारियों का आरोप है कि कंपनी द्वारा हर महीने पीएफ का पैसा काट लिया जाता है, लेकिन ईपीएफओ खाते में जमा नहीं किया जाता है। यह पूरी रकम 23 लाख से अधिक है।

इस पूरे मामले पर रॉबिन उथप्पा ने क्या कहा?

रॉबिन उथप्पा भारतीय क्रिकेट जगत में एक जाना-माना नाम है। क्रिकेट के अलावा उन्हें टेलीविजन पर कमेंटेटर और पंडित के रूप में भी देखा गया है। ऐसे में चूंकि उनका नाम धोखाधड़ी में शामिल था, इसलिए सभी को इंतजार था कि क्रिकेटर खुद इस मामले में अपना पक्ष रखेंगे। ऐसा हुआ और उथप्पा ने एक लंबा नोट लिखकर अपना पक्ष रखा, उथप्पा ने दावा किया है कि जिन कंपनियों ने उन पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया है उनके कर्मचारी खुद इन कंपनियों द्वारा ठगे गए हैं और उन्होंने कानूनी कार्रवाई की है।

इसके साथ ही उथप्पा ने स्ट्रॉबेरी लॉन्जरी प्राइवेट लिमिटेड, सेंटॉरस लाइफस्टाइल ब्रांड्स प्राइवेट लिमिटेड और बेरी फैशन हाउस के साथ अपने संबंधों के बारे में सब कुछ स्पष्ट करते हुए कहा कि अब उनका इन कंपनियों से कोई लेना-देना नहीं है। उथप्पा वर्ष 2018-19 में इन कंपनियों से जुड़े थे और उन्हें निदेशक बनाया गया था। उथप्पा ने इन कंपनियों में अपना पैसा निवेश किया था।

उथप्पा का दावा, उनके साथ धोखा हुआ

इतना ही नहीं उथप्पा ने दावा किया है कि उन्होंने किसी को धोखा नहीं दिया है बल्कि उनके साथ गलत हुआ है। उथप्पा ने अपने बयान में कहा कि उन्होंने कंपनियों को ऋण के रूप में जो राशि दी थी, वह अभी तक चुकाई नहीं गई है। उनका अपना पैसा अभी भी फंसा हुआ है। इसके लिए उन्होंने कानूनी कार्रवाई का भी सहारा लिया। इसके साथ ही उन्होंने काफी समय पहले सभी कंपनियों के निदेशक पद से भी इस्तीफा दे दिया था।

ईपीएफओ नोटिस का जवाब देते हुए उथप्पा ने सभी तरह के दस्तावेज पेश किए थे, जिससे साबित होता है कि उनका अब किसी कंपनी से कोई संबंध नहीं है और 23 लाख रुपये की धोखाधड़ी के मामले से उनका कोई संबंध नहीं है।