जॉन अब्राहम कहते हैं, “वेदा से जुड़ा मकसद इतना दमदार है कि यह लोगों के दिलों में अपनी जगह बना लेगा”
1. आपका किरदार कोर्ट-मार्शल हुए एक सैनिक का है, जो दमदार एक्शन दृश्यों से भरा हुआ है। आप हमेशा से एक्शन से भरपूर रोल्स के लिए जाने जाते हैं। वेदा में आपका रोल आपके लिए खास या अलग कैसे है?
मैं हमेशा से सैनिकों का सम्मान करता हूं – उनमें गज़ब का साहस और निस्वार्थता होती है। इसलिए जब भी मुझे किसी सेना अधिकारी का किरदार निभाने का ऑफर मिलता है, मैं तुरंत हां कह देता हूं। अभिमन्यु का किरदार निभाना मेरे लिए बेहद प्रेरणादायक रहा। वेदा हाल के वर्षों में मेरे द्वारा निभाए गए सबसे चैलेंजिंग किरदारों में से एक है, क्योंकि यह किरदार बेहद रियल है और उन लोगों का जश्न मनाता है, जो कुछ भी न होने के बावजूद अपनी ज़िंदगी में बहुत कुछ हासिल करते हैं। वेदा के बेमिसाल सफर में एक मज़बूत चट्टान की तरह खड़े रहना मेरे लिए काफी कुछ सीखने वाला अनुभव रहा। मुझे लगता है, वेदा से जुड़ा मकसद इतना दमदार है कि यह लोगों के दिलों में अपनी जगह बना लेगा। मैं चाहता हूं कि दर्शक इसे जल्द से जल्द महसूस करें।
2. वेदा की शूटिंग के दौरान आपके लिए सबसे मुश्किल सीन कौन-सा था और क्यों?
मेरे लिए वेदा का क्लाइमेक्स सीन सबसे कठिन रहा, क्योंकि वह न सिर्फ शारीरिक बल्कि मानसिक रूप से भी थकाने वाला था। मैंने खुद को पूरी तरह से निखिल की सोच के अनुसार ढाल लिया था और उनकी बातों को ध्यान से सुना। जोधपुर में 49-50 डिग्री की गर्मी में शूटिंग करना शारीरिक रूप से काफी थकाने वाला था, और बेहद मुश्किल एक्शन दृश्यों ने इसे और चैलेंजिंग बना दिया। लेकिन स्क्रिप्ट की डिमांड यही थी। अभिमन्यु जैसा किरदार मेरे दिल के बहुत करीब है, जो अंदर से टूटा हुआ है, लेकिन उसकी ज़िंदगी का एक मकसद है। क्लाइमेक्स में क्या होता है, इसका खुलासा किए बिना, मैं कह सकता हूं कि इस किरदार में उतरना बेहद मुश्किल था लेकिन इसे पूरी शिद्दत से निभाना जरूरी था।
3. आपको क्या लगता है, दर्शक वेदा में सबसे ज्यादा किस चीज़ का मजा लेंगे?
मुझे लगता है कि वेदा की कहानी सबसे पहले लोगों का ध्यान खींचेगी, क्योंकि यह आज के समय की सच्चाई को दर्शाती है। विज्ञान, तकनीक और खेल जैसे क्षेत्रों में हमने काफी प्रगति की है, लेकिन अभी भी हमें बहुत कुछ हासिल करना है। वेदा जैसी फिल्में कम से कम सही चर्चा छेड़ने में एक असरदार जरिया बन सकती हैं।
4. यह शरवरी के साथ आपकी पहली फिल्म है। उनके साथ काम करने का अनुभव कैसा रहा?
मैं शरवरी के करियर के पहले प्रोजेक्ट से ही उनका फैन रहा हूं। उनके साथ काम करना और उन्हें हर दिन बेहतर होते देखना मेरे लिए खुशी की बात है। मैं पूरे यकीन से कह सकता हूं कि वो सबसे मेहनती कलाकारों में से एक हैं। मुझे लगता है कि वो चैलेंजिंग और मुश्किल किरदार चुनने में विश्वास रखती हैं। वो आज के दौर में उन पुराने ढांचों को तोड़ रही हैं, जो सिर्फ बाहरी खूबसूरती पर आधारित होते हैं। मेरे हिसाब से ‘वेदा’ शरवरी के करियर की सबसे बेहतरीन परफॉर्मेंस में से एक है। अगर वो इसी तरह अच्छी स्क्रिप्ट्स चुनती रहीं, तो वो यकीनन इंडस्ट्री में एक बड़ा नाम बनेंगी।
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