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चाणक्य नीति: घर को स्वर्ग बना देती है पत्नियों को ये चार आदतें

उज्‍जैन। महिलाओं के कुछ गुण (some qualities of women) ऐसे होते हैं, जिनके कारण महिलाएं अपने घर परिवार ही नहीं बल्कि जिस घर में वह ब्याह जाती है, उस घर को भी स्वर्ग बना देती है। लड़की पढ़ी लिखी हो या ना हो। लड़कियों के इस तरह के गुणों को लेकर आचार्य चाणक्य (Acharya Chanakya) ने अपने नीति शास्त्र चाणक्य नीति में स्पष्ट लिखा है कि सदगुणों वाली लड़की अपने घर परिवार को स्वर्ग से भी ज्यादा सुंदर और खुशहाल बना देती है।

वे भी हर इंसान चाहता है कि उसका घर बेहतर रहे और हमेशा सुख-शांति बनी रहे। घर को स्वर्ग की तरह बनाने के लिए तरह-तरह के पूजा पाठ का सहारा लेते हैं। इसके बावजूद घर में क्लेश बना रहता है। लेकिन कई ऐसे काम हैं, जिन्हें महिलाएं करें तो घर आसानी से घर को किसी स्वर्ग की तरह बनाया जा सकता है। मान्यताएं हैं कि ये काम सिर्फ और सिर्फ महिलाएं ही कर सकती हैं। इससे घर पहले के मुकाबले अधिक खुशहाल बना रहेगा।

आचार्य चाणक्य लिखते हैं कि …
सानन्तं सवनं सुताश्च सुधयः कान्ता प्रियालापिनी,
इच्छापूर्तिधनं स्वयोषिति रतिः स्वाज्ञापरः सेवकाः।
आतिथ्यं शिवपूजनं प्रतिदिनं मिष्टान्नपानं गृहे,
साधोः संगमुपासते च सततं धन्यो गृहस्थाश्रमः।।

आचार्य चाणक्य यहां गृहस्थ की चर्चा करते हुए कहते हैं कि जिस गृहस्थ के घर में निरन्तर उत्सव-यज्ञ, पाठ और कीर्तन आदि होता रहता है, सन्तान सुशिक्षित होती है, महिलाएं मधुर भाषा बोलती है, मीठा बोलने वाली होती है, आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए पर्याप्त धन होता है, पति-पत्नी एक दूसरे में अनुरक्त हैं, सेवक स्वामिभक्त और आज्ञापालक होते हैं, अतिथि का भोजन आदि से सत्कार और शिव का पूजन होता रहता है, घर में भोज आदि से मित्रों का स्वागत होता रहता है तथा महात्मा पुरुषों का आना-जाना भी लगा रहता है, ऐसे पुरुष का घर सचमुच ही प्रशंसनीय है। ऐसा व्यक्ति अत्यन्त सौभाग्यशाली एवं धन्य होता है। आचार्य चाणक्य कहते हैं कि ऐसा घर स्वर्ग होता है और मां लक्ष्मी की हमेशा कृपा बनी रहने के कारण धन की वर्षा होती रहती है।

थोड़ा-सा दान
आर्तेषु विप्रेषु दयान्वितश्चेच्छ्रद्धेन यः स्वल्पमुपैति दानम्।
अनन्तपारं समुपैति दानं यद्दीयते तन्न लभेद् द्विजेभ्यः।।

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि दुःखियों और विद्वानों को जो थोड़ा-सा भी दान देता है, उसे उसका अनन्त गुना स्वयं मिल जाता है। अर्थ यह है कि जो व्यक्ति दुःखियों, गरीबों, विद्वान महापुरुषों आदि को थोड़ा-सा भी दान देता है, उसे भले ही उन व्यक्तियों से प्रकट में कुछ भी नहीं मिलता, किन्तु इससे उसे बहुत बड़ा पुण्य मिलता है। इसी पुण्य से उसे दिये गये दान से लाखों हजारों गुना अधिक प्राप्त होता है।

1- रात में खाना खाने के बाद कई लोग घर में झूठे बर्तनों को ऐसे ही रख देते हैं। हमेशा इन बर्तनों को साफ करके ही सोना चाहिए। माना जाता है कि इससे घर में हमेशा शांति, खुशहाली और संपन्नता बनी रहती है।

2-सोने जाने से पहले महिलाओं को कभी भी अपने बालों को खोलना नहीं चाहिए। उन्हें हमेशा बांधकर ही सोने जाना चाहिए।

3-कई महिलाओं की आदत होती है कि सूर्यास्त के बाद झाडू लगाती हैं। ऐसा करने से बचना चाहिए। इसके साथ ही रात को सोने से पहले झाड़ू को दक्षिण-पश्चिम दिशा में छिपा कर रखना चाहिए।

4- गांवों के अलावा शहरों में भी महिलाएं एक दूसरे घर से दूध और दही मांगती ही हैं। लेकिन माना जाता है कि सूर्यास्त के बाद यदि कोई महिला दूध या दही मांगने आए तो उसे नहीं देना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि इससे लक्ष्मीजी दूसरे के घर में चली जाती हैं।

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