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केंद्रीय गृह मंत्रालय ने देश से नक्सलियों को 'मार्च 2026' तक पूरी तरह खत्म करने का प्लान तैयार किया

नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्रालय ने देश के विभिन्न हिस्सों से नक्सलियों को ‘मार्च 2026’ तक पूरी तरह खत्म करने का प्लान तैयार किया है। गृह मंत्रालय के इस टारगेट के तहत, अगले 550 दिन में माओवादियों के पास दो च्वाइस होंगी। पहला, अगर वे लड़ते हैं तो उन्हें गोली मिलेगी। दूसरा तरीका, आत्मसमर्पण का है। केंद्र एवं राज्य सरकार मिलकर, नई आत्मसमर्पण नीति तैयार कर रही है। नक्सल के रास्ते पर चले युवाओं को मुख्य धारा में लाने का प्रयास किया जाएगा। अगर वे शांतिपूर्ण तरीके से हथियार डालते हैं तो उन्हें सरकार की तरफ कई तरह की मदद प्रदान की जाएगी।

केंद्रीय गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, देश में जहां कहीं भी नक्सली हिंसा होती है, उसे जड़ से खत्म करने का प्लान तैयार किया गया है। मोदी सरकार के 100 दिन में इस नीति पर काम शुरु हो गया है। छत्तीसगढ़ सहित सभी राज्यों में वामपंथी उग्रवाद समाप्त करने के लिए अभियान के अंतिम चरण के तहत दोनों विकल्प रहेंगे। यानी नक्सल प्रभावित इलाकों में अगर माओवादी हथियार नहीं डालते हैं तो उन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा। केंद्रीय बलों ने नक्सल प्रभावित इलाकों में 50 से अधिक फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस स्थापित किए हैं। आने वाले समय में लगभग इतने ही नए फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस तैयार होंगे।

घने जंगल में छिपे नक्सलियों को उनके ठिकाने से बाहर निकाला जाएगा। हालांकि इस मामले में गृह मंत्रालय, नक्सलियों को हथियार डालने के लिए प्रोत्साहित करेगा। राह भटके युवाओं को मुख्य धारा में शामिल करने का हर प्रयास किया जाएगा। इसके बाद भी वे नहीं मानते हैं तो उन्हें सुरक्षा बलों का सामना करना पड़ेगा। ‘मार्च 2026’ तक नक्सली, पूरी तरह खत्म हो जाएं, इसके लिए केंद्रीय बलों की पर्याप्त संख्या को छत्तीसगढ़ एवं दूसरे राज्यों में लगाया गया है। केंद्र सरकार के सौ दिनों में सुरक्षा संबंधी कमी दूर करने और आसूचना आधारित ऑपरेशन, इस दिशा में विशेष प्रगति हुई है।

वामपंथी उग्रवाद मामलों की शीघ्र जांच और अभियोजन, इसके लिए भी कई प्रभावी पहल की गई हैं। सरकार का मकसद है कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सरकारी योजनाओं का प्रचार प्रसार हो। वहां का समुचित विकास किया जाए। सरकार का मकसद, वामपंथी उग्रवाद ईकोसिस्टम सेचुरेशन को लक्ष्य बनाना है। गृह मंत्रालय और छत्तीसगढ़ सरकार मिलकर एक अभियान चलाएंगे, ताकि वामपंथी उग्रवाद के कारण अनपढ़ रह गए लोगों को शिक्षा दी जा सके। छत्तीसगढ़ सरकार जल्द ही एक नई आत्मसमर्पण नीति लाएगी। इससे युवाओं को हथियार छोड़ने और मुख्यधारा में शामिल होने में मदद मिल सकेगी।

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