रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय के अभियांत्रिकी विभाग द्वारा उद्योग-संस्थान इंटरेक्शन कार्यक्रम का आयोजन

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बरेली, 22 दिसम्बर। एमजेपी रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय के अभियांत्रिकी और प्रौद्योगिकी संकाय द्वारा ““सिद्धि-सेतु” Bridging Knowledge and Practice ” विषय पर एक उद्योग-संस्थान इंटरएक्शन कार्यक्रम का आयोजन MBA ऑडिटोरियम में किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य अभियांत्रिकी और फार्मेसी के छात्रों को उद्योग के विशेषज्ञों से जोड़कर उनके ज्ञान में इजाफा करना था।

इस कार्यक्रम में उद्योग के विशेषज्ञों के रूप में 1996 बैच के अलुम्नाई ने अपने अनुभव और विशेषज्ञता साझा की। यह कार्यक्रम उनके इस संस्थान से स्नातक होने के 25 साल पूरे होने पर आयोजित किया गया था। इनमें से कई अलुम्नाई अमेरिका, फ्रांस, यूके और भारत के विभिन्न हिस्सों से इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए आए थे।
कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में आयोजन सचिव डॉ. सौरभ मिश्रा ने अकादमिक और उद्योग जगत से आए सभी प्रतिनिधियों का स्वागत किया और “सिद्धि-सेतु” कार्यक्रम के उद्देश्य के बारे में बताया। इसके बाद, संकाय की डीन प्रोफेसर शोभना सिंह ने कार्यक्रम की शुरुआत की और इसके महत्व पर प्रकाश डाला।
डीन (अकादमिक) प्रोफेसर एसके पांडेय ने छात्रों के सामने मौजूद चुनौतियों और अवसरों पर चर्चा की और 1996 बैच के अलुम्नाई के साथ अपने प्रारंभिक दिनों को याद किया। मुख्य अतिथि के रूप में जेपी पाठक, जो एक लेखक, नेतृत्व कोच और फार्मास्युटिकल क्षेत्र के विशेषज्ञ हैं, ने इमोशनल इंटेलिजेंस और नेतृत्व की भूमिका पर अपने विचार साझा किए।
कार्यक्रम के विशेष अतिथि प्रोफेसर शेखर वर्मा, जो वर्तमान में IIIT इलाहाबाद में आईटी के डीन हैं, ने भी अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने बताया कि वह उस समय के पहले संकाय सदस्य थे, जब 1995 में अभियांत्रिकी संकाय की शुरुआत हुई थी। उन्होंने खुशी के साथ याद किया कि शुरुआत में उन्हें सिर्फ एक भूखंड मिला था, जो आज इस शानदार संस्थान के रूप में विकसित हो गया है।

समापन सत्र में, माननीय कुलपति प्रोफेसर केपी सिंह ने उद्योग विशेषज्ञों का स्वागत किया और संस्थान और उद्योग के बीच मजबूत संबंधों के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने विश्वविद्यालय की वैश्विक रैंकिंग सुधारने के लिए अलुम्नाई से मिले फीडबैक की अहमियत बताई और प्रौद्योगिकी में तेजी से हो रहे बदलावों के लिए छात्रों को बेहतर तरीके से तैयार करने की आवश्यकता पर बल दिया।

इस कार्यक्रम के दौरान, उन सभी संकाय सदस्यों को भी सम्मानित किया गया जो उस समय इस संस्थान का हिस्सा थे। कार्यक्रम के समापन पर, सभी उद्योग विशेषज्ञों और अलुम्नाई को कुलपति द्वारा स्मृति चिह्न प्रदान कर सम्मानित किया गया। समारोह का संचालन डॉ. अजय यादव ने किया।

उद्घाटन सत्र के बाद, छात्रों के साथ एक संवाद सत्र भी आयोजित किया गया, जो रोहिलखंड इन्क्यूबेशन फाउंडेशन में हुआ। यहां, छात्रों ने अपने सवाल रखे और अलुम्नाई ने उन्हें अपने उद्योग और जीवन अनुभवों से अवगत कराया। उन्होंने छात्रों को यह सलाह दी कि आज के प्रतिस्पर्धी दुनिया में सफलता पाने के लिए शैक्षिक ज्ञान और सॉफ्ट स्किल्स पर समान रूप से ध्यान देना आवश्यक है । यह कार्यक्रम छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर साबित हुआ, जिससे उन्हें अपनी भविष्य और उद्योग जगत से जुड़ी जानकारी हासिल करने का मौका मिला ।
इन कार्यक्रमों में प्रोफेसर संजय मिश्रा, प्रोफेसर एसएस बेदी, प्रोफेसर आलोक श्रीवास्तव, प्रोफेसर केके महेश्वरी, प्रोफेसर विनय ऋषिवाल, प्रोफेसर यतेन्द्र कुमार, डॉ. एसडी सिंह, डॉ. मनोज कुमार सिंह, डॉ. अतुल कटियार, डॉ. प्रीति यादव, डॉ. सचिन शुक्ला, डॉ. भास्कर चौहान, नितिन अग्रवाल, तरन्नुम मत्वलूब, डॉ. मनीष महेश्वरी, सागर अग्रवाल और अमित श्रीवास्तव, वरुण प्रताप सिंह एवं स्टूडेंट वालंटियर आदि का सहयोग रहा ।

बरेली से अखिलेश चन्द्र सक्सेना की रिपोर्ट

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