बेंगलुरु डॉक्टर हत्या कांड: सर्जन डॉक्टर ने अपनी डर्मेटोलॉजिस्ट पत्नी को एनेस्थेटिक दवा देकर मार डाला
बेंगलुरु में एक सनसनीखेज हत्या का मामला सामने आया है। एक डॉक्टर ने अपनी पत्नी को एनेस्थेटिक दवा देकर मार डाला। पीड़िता डॉ. कृतिका एम रेड्डी एक 29 साल की डर्मेटोलॉजिस्ट थीं। यह घटना अप्रैल में हुई थी, लेकिन अब आरोपी पति का आपराधिक इतिहास भी सामने आ गया है।
24 अप्रैल को डॉ. कृतिका की मौत हो गई। शादी को महज एक साल भी नहीं बीता था। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में उनके कई अंगों में प्रॉपोफोल नाम की मजबूत एनेस्थेटिक दवा के निशान मिले। यह दवा सिर्फ ऑपरेशन थिएटर में इस्तेमाल होती है। पुलिस का मानना है कि आरोपी पति डॉ. महेंद्र रेड्डी जीएस ने जानबूझकर यह दवा दी, जिससे सांस लेने में दिक्कत हुई और मौत हो गई। डॉ. महेंद्र एक सर्जन हैं और उन्होंने विक्टोरिया हॉस्पिटल से अपनी पहुंच का फायदा उठाकर यह दवा ली थी। उन्होंने मौत को प्राकृतिक दिखाने की कोशिश की।
डॉ. कृतिका के पिता मुनि रेड्डी के ने शादी से पहले आरोपी का आपराधिक बैकग्राउंड छिपाया गया था। परिवार का कहना है कि कृतिका अपने पति पर पूरी तरह भरोसा करती थीं। मौत के बाद डॉ. महेंद्र ने परिवार को पुलिस में शिकायत न करने और पोस्टमॉर्टम न कराने के लिए दबाव डाला। लेकिन अब सच्चाई सामने आ चुकी है। पिता ने कहा, "वह मेडिकल नॉलेज जो जिंदगियां बचाती है, उसी से हमारी बेटी की जिंदगी खत्म कर दी गई। हम सख्त सजा और न्याय चाहते हैं। यह समाज की भी हानि है।"
डॉ. महेंद्र का पुराना रिकॉर्ड बुरा है। उन पर पहले धोखाधड़ी, धमकी और डराने-धमकाने के केस दर्ज हैं। यह सब शादी से पहले परिवार से छिपाया गया। पुलिस ने मराठाहalli थाने में 14 अक्टूबर को भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 103 के तहत एफआईआर दर्ज की, जिसमें हत्या के लिए फांसी या उम्रकैद की सजा हो सकती है।
एफआईआर के तीन घंटे में ही डॉ. महेंद्र को मणिपाल के पास गिरफ्तार कर लिया गया। देश छोड़ने से रोकने के लिए लुक-आउट सर्कुलर जारी किया गया। पुलिस अभी जांच जारी रखे हुए है। यह मामला डॉक्टरों के बीच विश्वासघात का उदाहरण बन गया है।
यह खबर बेंगलुरु डॉक्टर हत्या केस से जुड़ी है, जहां मेडिकल नॉलेज का गलत इस्तेमाल हुआ। परिवार न्याय की उम्मीद में है
घटना की पूरी कहानी
24 अप्रैल को डॉ. कृतिका की मौत हो गई। शादी को महज एक साल भी नहीं बीता था। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में उनके कई अंगों में प्रॉपोफोल नाम की मजबूत एनेस्थेटिक दवा के निशान मिले। यह दवा सिर्फ ऑपरेशन थिएटर में इस्तेमाल होती है। पुलिस का मानना है कि आरोपी पति डॉ. महेंद्र रेड्डी जीएस ने जानबूझकर यह दवा दी, जिससे सांस लेने में दिक्कत हुई और मौत हो गई। डॉ. महेंद्र एक सर्जन हैं और उन्होंने विक्टोरिया हॉस्पिटल से अपनी पहुंच का फायदा उठाकर यह दवा ली थी। उन्होंने मौत को प्राकृतिक दिखाने की कोशिश की।
परिवार का दर्द और विश्वासघात
डॉ. कृतिका के पिता मुनि रेड्डी के ने शादी से पहले आरोपी का आपराधिक बैकग्राउंड छिपाया गया था। परिवार का कहना है कि कृतिका अपने पति पर पूरी तरह भरोसा करती थीं। मौत के बाद डॉ. महेंद्र ने परिवार को पुलिस में शिकायत न करने और पोस्टमॉर्टम न कराने के लिए दबाव डाला। लेकिन अब सच्चाई सामने आ चुकी है। पिता ने कहा, "वह मेडिकल नॉलेज जो जिंदगियां बचाती है, उसी से हमारी बेटी की जिंदगी खत्म कर दी गई। हम सख्त सजा और न्याय चाहते हैं। यह समाज की भी हानि है।"
आरोपी का आपराधिक इतिहास
डॉ. महेंद्र का पुराना रिकॉर्ड बुरा है। उन पर पहले धोखाधड़ी, धमकी और डराने-धमकाने के केस दर्ज हैं। यह सब शादी से पहले परिवार से छिपाया गया। पुलिस ने मराठाहalli थाने में 14 अक्टूबर को भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 103 के तहत एफआईआर दर्ज की, जिसमें हत्या के लिए फांसी या उम्रकैद की सजा हो सकती है।
पुलिस की कार्रवाई
एफआईआर के तीन घंटे में ही डॉ. महेंद्र को मणिपाल के पास गिरफ्तार कर लिया गया। देश छोड़ने से रोकने के लिए लुक-आउट सर्कुलर जारी किया गया। पुलिस अभी जांच जारी रखे हुए है। यह मामला डॉक्टरों के बीच विश्वासघात का उदाहरण बन गया है।
यह खबर बेंगलुरु डॉक्टर हत्या केस से जुड़ी है, जहां मेडिकल नॉलेज का गलत इस्तेमाल हुआ। परिवार न्याय की उम्मीद में है
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