मुंबई vs पुणे: पृथ्वी शॉ का विकेट गिरते ही शुरू हुई गाली-गलौज, बल्ला उठाकर दौड़े युवा बल्लेबाज

क्रिकेट के मैदान पर कभी-कभी गुस्सा हावी हो जाता है और छोटी-छोटी बातें बड़ा विवाद बन जाती हैं। ऐसा ही कुछ देखने को मिला मुंबई और पुणे की टीमों के बीच खेले गए अभ्यास मैच में। भारतीय टीम से बाहर चल रहे युवा बल्लेबाज पृथ्वी शॉ एक बार फिर सुर्खियों में आ गए, लेकिन इस बार उनकी बल्लेबाजी की वजह से नहीं, बल्कि एक भयानक झड़प की वजह से। शॉ ने शानदार पारी खेली थी, लेकिन विकेट गिरते ही सब कुछ उलट गया। पुणे के खिलाड़ियों से गाली-गलौज होने पर शॉ ने अपना आपा खो दिया और बल्ला लेकर हमला करने को तैयार हो गए। आइए जानते हैं इस घटना की पूरी कहानी और इसके पीछे का कारण।
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मैच का रोमांचक दौर


मैच पुणे के मैदान पर खेला जा रहा था और सब कुछ सामान्य चल रहा था। पृथ्वी शॉ मुंबई की ओर से खेल रहे थे और उन्होंने कमाल की बल्लेबाजी का नजारा पेश किया। 140 गेंदों का सामना करते हुए उन्होंने शतक पूरा कर दिया और दिन का खेल खत्म होने तक शॉ 220 गेंदों पर 181 रन बना चुके थे। उनकी पारी की बदौलत मुंबई ने पहले दिन ही 400 रनों का आंकड़ा पार कर लिया। शॉ ने कई जोरदार शॉट्स खेले, खासकर स्लॉग स्वीप जैसे आक्रामक स्ट्रोक्स से दर्शकों को रोमांचित कर दिया। लेकिन यह सब एक झटके में बदल गया जब मुशीर खान ने शॉ को आउट कर दिया और तभी विवाद की शुरुआत हुई।


गाली-गलौज से भड़का विवाद


विकेट गिरते ही पुणे के कुछ खिलाड़ियों ने शॉ पर गालियां बरसानी शुरू कर दीं। शॉ भी पीछे न हटे और बात बढ़ती गई और देखते ही देखते शॉ ने अपना बल्ला उठा लिया। वे मुशीर खान की ओर तेजी से दौड़े, मानो किसी को पीटने के इरादे से। शॉ के चेहरे पर गुस्सा साफ दिख रहा था। शॉ थोड़े आक्रामक हो गए थे, लेकिन सौभाग्य से अन्य खिलाड़ी और अंपायर बीच में आ गए। सबने मिलकर शॉ को रोका और किसी तरह झड़प को टाल दिया। यह दृश्य मैदान पर मौजूद सभी को स्तब्ध कर गया।


पृथ्वी शॉ का सफर और चुनौतियां


पृथ्वी शॉ का क्रिकेट करियर शुरू से ही उतार-चढ़ाव भरा रहा है। उन्होंने भारत के लिए 5 टेस्ट, 6 वनडे और 1 टी20 मैच खेला है। लेकिन पिछले कुछ समय से वे टीम से बाहर हैं। घरेलू क्रिकेट में भी उनका फॉर्म लुढ़क गया। रणजी ट्रॉफी में मुंबई टीम से जगह गंवाने के बाद शॉ ने नया फैसला लिया। उन्होंने मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन से एनओसी ले ली और अब आगामी सीजन में पुणे का प्रतिनिधित्व करेंगे। शॉ पहले भी विवादों से घिरे रहे हैं, लेकिन इस बार की घटना ने सबको चौंका दिया। मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन और महाराष्ट्र क्रिकेट एसोसिएशन ने अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। इसे बस खिलाड़ियों के बीच ज्यादा उत्साह की वजह से हुई छोटी-मोटी झड़प बताया जा रहा है।

क्या होगा आगे?


यह घटना घरेलू क्रिकेट के लिए एक सबक है। क्रिकेट सिर्फ खेल नहीं, बल्कि अनुशासन की मिसाल भी है। पृथ्वी शॉ जैसे टैलेंटेड खिलाड़ी को अपने गुस्से पर काबू रखना होगा, ताकि उनका करियर पटरी पर लौट सके। उम्मीद है कि यह विवाद जल्द सुलझ जाएगा और मैदान पर फिर से शॉ की शानदार बल्लेबाजी नजर आएगी। लेकिन सवाल यह है कि क्या इस घटना पर कोई सजा मिलेगी? या इसे भूलकर आगे बढ़ा जाएगा? समय ही बताएगा। कुल मिलाकर, यह मैच क्रिकेट प्रेमियों के लिए यादगार तो बना, लेकिन गलत वजह से।